उप्र में करीब 15 मिलियन लोग मानसिक रोग से ग्रस्त

मानसिक स्वास्थ्य आज वैश्विक समस्या का रूप धारण कर चुका है, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण...

उप्र में करीब 15 मिलियन लोग मानसिक रोग से ग्रस्त

  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर

मानसिक स्वास्थ्य आज वैश्विक समस्या का रूप धारण कर चुका है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार हर 16 में से एक व्यक्ति किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी से जूझ रहा है। मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले मानसिक विकारों के आंकड़ें और भी चौकाने वाले हैं। इस सर्वेक्षण में यह अनुमान लगाया गया कि 18 वर्ष की उम्र से ऊपर के करीब 15 मिलियन लोग यूपी में किसी न किसी मानसिक रोग से जूझ रहे हैं।

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किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल प्रोफ़ेसर डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि मानसिक अस्वस्थता से जूझ रहे 85 प्रतिशत लोग इलाज के लिए ही नहीं आते हैं। उन्हें यह पता नहीं होता है कि वह मानसिक अस्वस्थता के दौर से गुजर रहे हैं। इनमें से खासकर वह लोग आगे नहीं आते हैं जो मादक पदार्थों के सेवन से जुड़े विकारों से ग्रसित हैं। इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे-2015-16 की उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट में होती है।

अगर इस आंकड़ें में तम्बाकू के सेवन से होने वाले मानसिक विकारों को जोड़ दिया जाये तो यह संख्या बढ़कर 21 मिलियन पहुँच जाती है। इन सभी बीमारियों में से सबसे ज्यादा समस्या अवसाद व ऐंज़ाइयटी की बनी हुई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2019 में कोविड महामारी से पहले विश्व में आठ में से एक व्यक्ति मानसिक विकारों से ग्रसित है। कोविड के ठीक एक साल बाद इस संख्या में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्थिति बेहद गंभीर है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल प्रोफ़ेसर डॉ. आदर्श त्रिपाठी का कहना है कि लोग शुरूआती दौर में यह मानने को ही नहीं तैयार होते कि उन्हें कोई मानसिक दिक्कत है। साल-दो साल में जब समस्या बढ़ जाती है तो वह चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। इस अंतराल को दूर करना बहुत जरूरी है क्योंकि शुरूआती दौर में समस्या का निदान ज्यादा आसान होता है।

डा. आदर्श ने बताया कि जागरूकता के लिए ही हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। विश्व की बड़ी समस्या के रूप में इसे देखते हुए ही इस साल इस दिवस की थीम- ‘मानसिक स्वास्थ्य को सभी के कल्याण के लिए वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता दें, तय की गयी है।

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हिस

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