इंजीनियरिंग व व्यावसायिक शिक्षा के 20 लाख छात्रों को योगी ने दी ये सौगात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इंजीनियरिंग और व्यावसायिक शिक्षा के छात्रों को बहुत बड़ी सौगात देते हुए प्राविधिक शिक्षा विभाग का यू राइज पोर्टल लान्च किया...

इंजीनियरिंग व व्यावसायिक शिक्षा के 20 लाख छात्रों को योगी ने दी ये सौगात

लखनऊ, (हि.स.)

इसमें प्रथम चरण में 20 लाख छात्रों का पूरा ब्योरा होगा। प्रत्येक छात्र के प्रवेश से लेकर रोजगार पाने तक की पूरी जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इसका मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 'यू-राइज' पोर्टल को लॉन्च करने के साथ ही, 2017 में प्रदेश के तकनीकी संस्थाओं के उन्नयन की दृष्टि से दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम का जो शुभारम्भ किया गया था, उसके दूसरे चरण के इस अभियान के साथ हम जुड़ रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' आजादी के बाद शिक्षा क्षेत्र के सुधार का एक बहुत बड़ा अभियान है। यह हमें केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक ही सीमित नहीं रखेगा बल्कि यह छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक व तकनीकी ज्ञान के साथ जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनने जा रहा है।

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यू-राइज पोर्टल प्राविधिक, व्यावसायिक व कौशल विकास से जुड़े हुए छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके जितने भी विशेषज्ञ हैं, उन सबको एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है। जिसमें विद्यार्थियों के जीवन चक्र को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का एक प्रयास किया गया है।

फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध तकनीक की मदद से की बहुत बड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वर्तमान में फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध एक बहुत बड़ी कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं और यह तकनीक से ही सम्भव हो सका। बहुत सारे लोगों ने फर्जी डिग्री लेकर नौकरियां हासिल कीं और वर्षों से यह मामला चल रहा था। लेकिन, पकड़ में नहीं आ रहा था। हम लोगों ने एक यूनिफाइड पोर्टल तैयार किया, जिसके माध्यम से हम लोगों ने सफलतापूर्वक इस कार्रवाई को आगे बढ़ाया और ऐसे लोगों को चिह्नित करने में हम सफल हो रहे हैं।

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यू-राइज पोर्टल में होगी छात्र की पूरी जानकारी, नौकरी में मिलेगी मदद
यू-राइज पोर्टल किसी भी विद्यार्थी के पूरे जीवन चक्र को लेकर चल रहा है। विद्यार्थी के प्रवेश, उनके पाठ्यक्रम, प्रैक्टिकल, शुल्क, परीक्षा व परिणाम को सामने प्रस्तुत करने के साथ ही आने वाले समय में उनके रोजगार व नौकरी को भी इसके साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। किसी भी छात्र-छात्रा के बारे में किसी संस्था या संस्थान को अगर जानकारी प्राप्त करनी होगी तो वह आसानी से प्राप्त हो जाएगी।

ई-कंटेंट के माध्यम से प्रत्येक पाठ्यक्रम को पोर्टल से जोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा से मानता हूं कि सामाजिक समानता तब तक हमारे लिए दूर की कौड़ी बनी रहेगी, जब तक हम शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने में सफल नहीं होते हैं। यह पोर्टल, अपने आप में शैक्षिक समानता को भी सामने ला रहा है। ई-कंटेंट के माध्यम से प्रत्येक पाठ्यक्रम को इससे जोड़ने के साथ ही हर छात्र-छात्रा के लिए इसका सुलभ होना, अपने आप में बड़ा कार्य है।

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उन्होंने कहा कि तकनीक, जीवन में कैसे व्यापक परिवर्तन ला सकती है, यह हम लोगों ने इस कोरोना कालखंड में देखा है। अगर तकनीक नहीं होती तो मुझे लगता है कि यह बीमारी इस सदी की बहुत बड़ी महामारी तो बनी ही होती साथ ही मानवता के सामने भीषण संकट भी खड़ा कर देती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के विजन को सैल्यूट करना चाहिए कि उन्होंने 2014 में आने के साथ ही हमें तकनीक से जोड़ने की प्रेरणा दी। आज हर व्यक्ति इस बात को महसूस कर रहा है कि अगर जन-धन योजना नहीं होती तो डीबीटी के माध्यम से करोड़ों लोगों के बैंक अकाउंट में इतनी बड़ी धनराशि एक-एक घर, हर गांव तक नहीं पहुंच पाती।

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ज्ञान के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बनी तकनीक 
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाभाविक रूप से प्रत्येक गतिविधि का संचालन करने के लिए, शासन के पास अपने राजस्व के स्रोत भी उसी प्रकार से होने चाहिए। तकनीक नहीं होती तो हमारे पास राजस्व नहीं आ सकता था। आज हम सभी गतिविधियों को सामान्य रूप में लाने में सफल रहे हैं तो इसमें तकनीक का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

ज्ञान के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम तकनीक बनी है। बेहतर तरीके से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का जो कार्य हुआ, आज उसका यह परिणाम है कि हम लोगों ने जहां इस महामारी को पूरी तरह नियंत्रित करने में काफी हद तक प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सफलता प्राप्त की। वहीं साथ ही साथ चार चरणों के लॉकडाउन के बाद अनलॉक की कार्रवाई में सामान्य दिनचर्या को पटरी पर लाने में हमें सफलता मिली। इस काल में पिछले छह महीनों से भले ही हमारे शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान बंद हैं। लेकिन, इस दौरान भी ऑनलाइन एजूकेशन माध्यम से बहुत अच्छे ढंग से प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने में हमें सफलता भी प्राप्त हुई है।

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नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद एकीकृत पोर्टल लागू करने वाला उप्र पहला राज्य
उन्होंने कहा कि लोगों के अंदर तकनीक को अपनाने को लेकर नई रुचि, जागरूकता और होड़ भी देखने को मिली है। लोग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई दिए हैं। यह एक बहुत बड़ा कार्य है। मुझे लगता है कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के प्राविधिक, व्यावसायिक और कौशल विकास से जुड़े हुए विभाग ने आज यह सबसे पहला कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में लागू किया है, हमारे 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित होंगे। साथ ही इस क्षेत्र के जो विशेषज्ञ हैं, उनको इस कार्य से जुड़ने और अधिकाधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य है जहां देश का पहला एकीकृत पोर्टल लागू हुआ है। यह अन्य लोगों के लिए भी एक मानक बन सकता है। यह एक बेहतर प्रयास है।

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तकनीक को अपनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यू-राइज हो, दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार का कार्यक्रम हो या विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास का कार्यक्रम, यह चीजें दिखाती हैं कि बड़ी से बड़ी बाधा, बड़ी से बड़ी चुनौती हमारे कार्यों में बाधक नहीं बन सकती है, बशर्ते हमें तकनीक की जानकारी हो और उस तकनीक को अपनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति हमारे मन में हो तो कोई भी ताकत हमारे कार्य में बाधक नहीं बन सकती, यह कार्यक्रम आज इस बात को साबित कर रहा है।

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