आजीवन स्वस्थ रहने के लिए योग हमारी वैदिक परंपरा का अमूल्य उपहार : सचिव

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दसवें संस्करण के अवसर पर जिला कारागार रगौली में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित...

आजीवन स्वस्थ रहने के लिए योग हमारी वैदिक परंपरा का अमूल्य उपहार : सचिव

जिला कारागार में महिला व पुरुष बन्दियों को कराया गया योग

चित्रकूट। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दसवें संस्करण के अवसर पर जिला कारागार रगौली में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित जन शिक्षण संस्थान द्वारा महिला-पुरुषों को योग कराया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अपर जिला जज नीलू मैनवाल ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। आजीवन स्वस्थ रहने के लिए योग हमारी वैदिक परंपरा का अमूल्य उपहार है, जो हमे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत रखता है। योग करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। हम सभी को इसे दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। जेल अधीक्षक शशांक पाण्डेय ने कहा कि सम्पूर्ण जीवन में योग ही ऐसा मार्ग है, जिसके द्वारा मनुष्य को बल, बुद्धि, श्रेष्ठता, पौरुष, एवं सच्चरित्रता पाँच सर्वोत्तम गुण प्राप्त होते हैं। योग का एक ही मूल आधार श्रेष्ठ जीवन का निर्माण है।

जन शिक्षण संस्थान के निदेशक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सामूहिकता के भाव को समेकित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जानकी शरण, बहन पद्म सिंह एवं कु.अनन्या सिंह के सहयोग से जिला कारागार में महिला-पुरुष बन्दियों को आजीवन स्वास्थ्य की संकल्पना निरोगी रहने के दृष्टिकोण से योग का प्रशिक्षण यहाँ संचालित किया गया। जिसमें प्रशिक्षकों द्वारा सन्धियोग, आसन, मुद्राभ्यास, प्राणायाम, सूर्यनमस्कार सिखाये गए। प्रशिक्षक जानकी शरण ने कहा कि योग से बुद्धि तीव्र होती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है श्वसन तंत्र मजबूत होता है तथा ध्यान से मानसिक स्थिरता आती है।

इस मौके पर जेलर संतोष कुमार वर्मा, डिप्टी जेलर रजनीश सिंह, चितरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार कन्नौजिया एवं ब्रज किशोरी तथा कारागार चिकित्सक डॉ रामानुजम मौर्य, पद्मा सिंह आदि मौजूद रहे।

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