यूपी का पहला केस : ईसेनमेंजर सिंड्रोम पीड़ित महिला का केजीएमयू में सुरक्षित प्रसव

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के चिकित्सकों की टीम ने ह्रदय से जुड़ी गंभीर बीमारी ईसेनमेंजर सिंड्रोम से पीड़ित महिला..

यूपी का पहला केस : ईसेनमेंजर सिंड्रोम पीड़ित महिला का केजीएमयू में सुरक्षित प्रसव

लखनऊ,

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के चिकित्सकों की टीम ने ह्रदय से जुड़ी गंभीर बीमारी ईसेनमेंजर सिंड्रोम से पीड़ित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता हासिल की है। इस जटिल बीमारी में सुरक्षित प्रसव कराने वाला उत्तर प्रदेश का पहला केस है। चिकित्सकों के मुताबिक ईसेनमेंजर सिंड्रोम से पीड़ित महिला को गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे दोनों के लिए मृत्यु के तमाम जोखिम रहते हैं। इसलिए इस बीमारी से पीड़ित महिला को गर्भधारण नहीं करने की सलाह दी जाती है।

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इस बीमारी में न केवल मां के दिल को खतरा है, बल्कि बच्चे के दिल और विकास को भी खतरा रहता है। यह बीमारी किसी भी गर्भवती महिला के लिए बहुत खतरनाक होती है। केजीएमयू के डा.करन कौशिक ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस बीमारी में गर्भावस्था में मृत्यु दर 65 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में किसी भी प्रकार का एनेस्थीसिया देना खतरे से खाली नहीं रहता है। इस रोग में हृदय दोष के कारण हृदय गति रुक सकती है और अचानक मृत्यु हो जाती है।

डा. कौशिक ने बताया कि यह उत्तर प्रदेश में अब तक का पहला केस है, जिसका संचालन एनेस्थीसिया और केजीएमयू के क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा किया गया। रोगी प्रियंका पांडे प्रसव की अपेक्षित तिथि के निकट एक बहुत ही अस्थिर स्थिति में केजीएमयू में आई और उसे ईसेनमेंगर सिंड्रोम के मामले के रूप में निदान किया गया। 18 फरवरी को डॉ. सीमा और डॉ. मोनिका के नेतृत्व में प्रसूति टीम ने जूनियर रेजिडेंट डीआर के साथ डॉ. तन्मय तिवारी और डॉ. करण कौशिक के नेतृत्व में आपातकालीन टीम के साथ सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।

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हि.स

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