UP BUDGET : बाँदा में अगले तीन वर्षों में कार्यशील हो सकती है फोरेंसिक लैब
हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों में फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा...

बाँदा। हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों में फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जल्द न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बाँदा में अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब आने वाले 3 वर्षों में कार्यशील होने जा रही है। इस पहल से अपराधों की जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और अपराधियों को जल्द सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
यूपी में फोरेंसिक लैब्स का विस्तार
फिलहाल उत्तर प्रदेश में आठ स्थानों - आगरा, लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, गाजियाबाद, इलाहाबाद, गोरखपुर और झांसी में फोरेंसिक लैब संचालित हो रही हैं। चित्रकूटधाम मंडल रेंज के मामलों की जांच अब तक झाँसी लैब में भेजी जाती थी, जिससे जांच प्रक्रिया में विलंब होता था। लेकिन बाँदा में लैब शुरू होने से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और मामलों के निस्तारण में सुधार होगा।
नई लैब्स की कार्ययोजना
प्रदेश सरकार की योजना के तहत इस वर्ष अगस्त तक कानपुर, बरेली और गोंडा में भी फोरेंसिक लैब कार्यशील करने की योजना है। इसके अतिरिक्त, आजमगढ़, अयोध्या, बस्ती, चित्रकूट (बांदा), विंध्याचल (मिर्जापुर) और सहारनपुर में भी फोरेंसिक लैब स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है, जिन्हें अगले तीन वर्षों में कार्यशील किया जाएगा।
प्रभाव और लाभ
- वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर मामलों की त्वरित जांच संभव होगी।
- न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने से अपराधियों को जल्द सजा मिलेगी।
- लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी।
- पुलिस विभाग को केसों की चार्जशीट तैयार करने में सहूलियत होगी।
अलीगढ़ लैब इसी माह होगी क्रियाशील
लखनऊ स्थित फोरेंसिक लैब के निदेशक एके मित्तल के अनुसार, अलीगढ़ की फोरेंसिक लैब पूरी तरह से बनकर तैयार है और इसे इसी महीने के अंत तक चालू कर दिया जाएगा। इससे अपराधों की जांच प्रक्रिया को गति मिलेगी और न्याय की राह आसान होगी।
सरकार की इस पहल से प्रदेश में न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की दिशा में यह एक अहम कदम साबित होगा।
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