यूपी के साथ एक बार फिर से पूरा देश लाॅकडाउन की तैयारी में

देश में जिस तरीके से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसका प्रमुख कारण हम सब की लापरवाही मानी जा रही हैं..

Apr 3, 2021 - 06:42
Apr 3, 2021 - 22:11
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यूपी के साथ एक बार फिर से पूरा देश लाॅकडाउन की तैयारी में
लाॅकडाउन (फाइल फोटो)

लापरवाही नहीं थमी तो लग सकता है लाॅकडाउन.. !

देश में जिस तरीके से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसका प्रमुख कारण हम सब की लापरवाही मानी जा रही हैं। कोरोना का संक्रमण पूरी तरह समाप्त भी नहीं हो पाया था कि लोगों ने मास्क लगाना और सामाजिक दूरी का पालन करना छोड़ दिया।

बाजारों में भी और धार्मिक कार्यक्रमों में जिस तरह से भीड़ उमड़ने लगी, उससे कोरोना एक बार फिर सिर उठाने लगा। अगर अभी भी इस तरह की लापरवाही बढ़ती गई तो आने वाले कुछ दिनों में देश एक बार फिर लाॅकडाउन की ओर बढ़ सकता है। और ये सब अभी से दिखाई देने लगा है।

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ताजा हालात से निकले आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं

स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एजेंसियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के मिलने का आंकड़ा एक लाख से ज्यादा हो सकता है।

बीते 24 घंटों में जिस तरीके से पूरे देशभर में 81 हजार से ज्यादा मामले सामने आए, उससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय समेत आईसीएमआर और अन्य एजेंसियों की चिंता बढ़ गयी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और स्क्रीनिंग के साथ-साथ काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग करने व टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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गौरतलब है कि देशभर में कोरोना वायरस महामारी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र सहित सात राज्यों में संक्रमण में जबरदस्त वृद्धि हुई है और सरकारों को सख्ती बरतनी पड़ी है।

कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर कई राज्यों में स्कूल, काॅलेज, विश्वविद्यालयों समेत तमाम शिक्षा संस्थानों को बंद किए जाने की स्थिति में पहुंचा दिया है।

कोरोना के घटते मामलों के बीच इन्हें खोला गया था। अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फरवरी महीने से शिक्षण संस्थानों को खोलना शुरू किया था, लेकिन अब फिर से बंद करना पड़ गया है। जबकि कई राज्यों में स्कूल और बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं।

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यूपी में कोरोना लगा सकता है कम्पलीट लाॅकडाउन

देश के अन्य भागों की तुलना में यूपी काफी संभला हुआ था, पर यहां कोविड नियमों के पालन में हुई लापरवाही का नतीजा रहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी है। उत्तर प्रदेश में फरवरी में जो स्कूल कक्षा 1 से 8 तक के खोल दिए गए थे, उन्हें एक बार फिर सरकार ने 11 अप्रैल तक बंद करने के आदेश दे दिये हैं।

इसी तरह उच्च पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसके तहत शिक्षण कार्य आॅनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही परीक्षा में मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देश दिए गए व परीक्षा की हर पाली के बाद सैनिटाइजेशन के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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इस समय उत्तर प्रदेश में भी मरीजों की संख्या प्रतिदिन के हिसाब से 2000 से अधिक हो गई है, जिससे यहां भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर कोरोना महामारी जीतना है तो कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा। तभी हम अपने आप को सुरक्षित बचा पाएंगे और लाॅकडाउन जैसी मुसीबत से छुटकारा पा सकेंगे।

उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। आज मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित रखने तथा इस महामारी के उपचार के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं। साथ ही उनके पास कोविड-19 से सफलतापूर्वक निपटने का गहन अनुभव भी है।

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मुख्यमंत्री योगी ने कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं-

  • कक्षा 1 से 8 तक के सभी परिषदीय एवं निजी विद्यालयों को 11 अप्रैल तक बन्द रखा जाये। शैक्षणिक कार्य बन्द रहेगा, जबकि शिक्षक प्रशासनिक कार्यों के लिए स्कूल जाते रहेंगे।
  • लोगों को जागरूक करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी इस्तेमाल किया जाए।
  • मास्क का अनिवार्य उपयोग, सेनिटाइजेशन तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर यदि लोग मास्क न लगाएं, तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।
  • एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाए। टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेन्ट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • होम आइसोलेशन वाले व्यक्तियों की निरन्तर माॅनिटरिंग की जाए और हालचाल लिया जाए।
  • त्योहारों तथा पंचायत चुनाव के दृष्टिगत बाहर के राज्यों से वापस आ रहे लोगों से गांवों में संक्रमण न फैले, इस हेतु सभी जरूरी कदम उठाएं जाएं।
  • लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद व आगरा में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। यहां एल-2, एल-3 बेडों की संख्या बढ़ाई जाए।
  • प्रदेश के सभी डीएम व सीएमओ को प्रतिदिन सुबह कोविड चिकित्सालय में तथा शाम को इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक कर स्थिति की समीक्षा तथा आगे की रणनीति तय करने के निर्देश दिए।
  • सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से मरीजों से लगातार संवाद बनाए रखा जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रत्येक दिन की स्थिति से अवगत कराया जाए।
  • 1 अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर वालों को भी टीकाकरण में शामिल किया गया है। अतः अब टीकाकरण की गति को बढ़ाना होगा। साथ ही वैक्सीन की वेस्टेज को हर हाल में रोका जाए।

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अब ज्यादा सावधानी की जरूरत

देश में पिछले साल कोरोना के मामले एक अक्तूबर को 81 हजार से ज्यादा हो गए थे। उसके बाद केस बढ़े लेकिन एक दिन में एक लाख से ज्यादा मामले पिछली बार भी एक दिन में सामने नहीं आए थे और फिर कुछ दिनों बाद मामलों में गिरावट दर्ज होने लगी थी।

लेकिन इस बार जिस तरीके से मामले बढ़ रहे हैं, उससे स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा पहुंच सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा कोरोना वायरस की मारक क्षमता के ज्यादा होने के साथ-साथ लोगों की लापरवाही की वजह से हो सकता है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक डाॅ. समीरन पांडा कहते हैं कि इस वक्त लोगों को बहुत ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।

क्योंकि यह वायरस खतरनाक रूप ले रहा है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से नए मामले सामने आ रहे हैं उससे यह कहना मुश्किल नहीं है कि रोजाना पाॅजिटिव मिलने वाले मामले अगले कुछ हफ्तों में ही एक लाख का आंकड़ा पार कर जाएंगे।

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