अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संवाद कार्यक्रम आयोजित
आदर्श बजरंग इंटर कॉलेज में छात्र संवाद एवं प्रस्ताव चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन एबीवीपी की 76 वर्षों की सेवा और छात्रों के हित में किए जा रहे कार्यों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
बांदा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), जो कि विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी छात्र संगठन है, द्वारा आदर्श बजरंग इंटर कॉलेज में छात्र संवाद एवं प्रस्ताव चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन एबीवीपी की 76 वर्षों की सेवा और छात्रों के हित में किए जा रहे कार्यों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक विजय पाल, विशिष्ट अतिथि डिप्टी कमिश्नर (उद्योग विभाग) गुणदेव जी, विभाग सह प्रमुख अशोक सिंह, प्रांत सह एसएफडी संयोजक दिव्यांशु मिश्रा और विभाग संयोजक नीतीश निगम द्वारा मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।
मुख्य अतिथि विजय पाल ने विद्यार्थी परिषद के छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित कार्यों की सराहना की। वहीं, डिप्टी कमिश्नर गुणदेव जी ने संगठन की भूमिका को समाज की समस्याओं के समाधान तक ले जाने और विद्यार्थियों के मनोबल को ऊंचा करने में महत्वपूर्ण बताया।
पारित प्रस्तावों पर हुई चर्चा
कार्यक्रम में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित पांच प्रस्तावों पर छात्रों और शिक्षकों के बीच चर्चा हुई।
- अति प्रसंस्कृत एवं रसायन युक्त खाद्य पदार्थ छोड़ जैविक भोजन अपनाने का प्रस्ताव: विभाग सह छात्रा प्रमुख आयुषी त्रिपाठी ने इसे प्रस्तुत किया।
- भारत की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक सफलता का प्रस्ताव: जिला संयोजक गोविंद तिवारी ने इसका उल्लेख किया।
- शिक्षण संस्थानों की गिरती गुणवत्ता पर चिंता का प्रस्ताव: जिला सह संयोजक आशीष पांडे ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया।
- अनुचित शुल्क वृद्धि पर नियंत्रण का प्रस्ताव: तहसील संयोजक सुभाष त्रिपाठी ने इसे उठाया।
- मणिपुर हिंसा पर चर्चा का प्रस्ताव: नगर मंत्री कार्तिकेय गुप्ता ने इसे छात्रों के समक्ष रखा।
कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष जितेंद्र बाजपेई, नगर उपाध्यक्ष कुंदन सिंह, नवीन पांडे, जानवी उपाध्याय, आरके गुप्ता (प्राचार्य, जिला परिषद कृषि विद्यालय), विपिन दीक्षित, आदर्श शुक्ला, राज द्विवेदी, श्लोक द्विवेदी, युवराज सिंह, अनामिका बेदी, सत्येंद्र सिंह सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं और शिक्षकों ने भाग लिया।
यह आयोजन न केवल छात्रों को जागरूक करने का मंच बना, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।