अब तम्बाकू उत्पाद बेचने, होटल, लॉजिंग, गेस्ट हाउस चलाने के लिए लेना होगा लाइसेंस

नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हो गए। अब निगम सीमा में तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के..

Sep 29, 2021 - 04:26
Sep 29, 2021 - 05:58
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अब तम्बाकू उत्पाद बेचने, होटल, लॉजिंग, गेस्ट हाउस चलाने के लिए लेना होगा लाइसेंस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)
  • नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में कई प्रस्तावों को हरी झंडी

नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हो गए। अब निगम सीमा में तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के अलावा होटल लॉजिंग गैस्ट हाउस, बारात घर नर्सिंग होम संचालकों एवं प्राइवेट क्लीनिक संचालकों को अब नगर निगम से लाइसेंस लेने का प्रस्ताव पारित हो गया। हालांकि इन प्रस्ताव में कुछ संसोधन किये जायेंगे।

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बैठक में आयुक्त महेंद्र सिंह तंबर ने स्पष्ट किया कि रेहड़ी पटरी पर तंबाकू उत्पाद बेचने वालों को लाइसेंस दिए जाने का ये अर्थ नहीं होगा कि वह स्थायी हो गए, बल्कि ट्रेडिंग का लाइसेंस होगा। अब इन प्रस्तावों पर निगम की बोर्ड बैठक में अंतिम मुहर लगेगी।

तम्बाकू फाइल फोटो  (tobacco file photo)

निगम सभागार के सम्पन्न हुई इस बैठक की अध्यक्षता महापौर आशा शर्मा ने की। बैठक में नगर निगम में म्युटेंशन कराने के दौरान एक हजार रूपए शुल्क अदा करने सम्बन्धी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गयी। यदि म्युटेंशन से पहले प्रोपर्टी के चार बार बेनामे हो चुके हैं तो बीच के अंतर का शुल्क भी निगम कोष में जमा कराना होगा। विशेष परिस्तिथियों में इस शुल्क को कम करने का अधिकार महापौर को होगा।

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इस बीच निर्णय लिया गया कि तंबाकू उत्पाद रेहड़ी पटरी पर बेचने वाले को प्रति रेहड़ी 200 रुपये एवं स्थाई तरीके से कारोबार करने वालों को एक हजार एवं थोक कारोबारी को सालाना के पांच हजार शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि निगम कार्यकारिणी सदस्य जाकिर सैफी ने एतराज जताते हुए कहा कि तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा टैक्स के तौर पर एक मोटी रकम की वसूली की जाती है, इस नई व्यवस्था का आम जन पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।

तम्बाकू फाइल फोटो  (tobacco file photo)

बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि होटल लाजिंग,गेस्ट हाउस तथा बारात घर संचालकों को सालाना तीन हजार रूपए का भुगतान करते हुए निगम से लाइसेंस लेना होगा। इसके अलावा बीस बेड क्षमता के नर्सिंग होम संचालकों को 5 हजार एवं बीस बेड से अधिक क्षमता के नर्सिंग होम संचालकों को छह हजार रूपए सालाना का भुगतान करते हुए निगम से लाइसेंस लेना होगा।

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बैठक के दौरान प्राइवेट क्लीनिक संचालकों पर तीन हजार रूपए सालाना शुल्क के मुद्दे पर कई सदस्यों में एतराज जताया। कुछ सदस्यों के द्वारा शुल्क को दो हजार रूपए सालाना तय किए जाने पर सहमति बनी।

बैठक के दौरान एरिएटेड वाटर, कोल्ड डिंज्क्स फुटकर विक्रेताओं पर डेढ़ हजार रूपए सालाना के शुल्क के प्रस्ताव को वापस ले लिया गया। महामाया स्टेडियम को बेहतर रूप देने के लिए निगम कोष से 15 लाख रूपए जिला क्रीड़ा समिति को दिए जाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई।

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हि.स

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