नौतपा 25 मई से प्रारंभ, सूर्य करेंगे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश
नौतपा सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ शुरू होने वाले नौ दिनों की अवधि होती है। इसे गर्मी की चरम सीमा वाला समय माना जाता है। यह हर साल मई के अंत और जून की शुरुआत में आता है।

बांदा। गर्मी के चरम दौर के प्रतीक माने जाने वाले नौतपा की शुरुआत इस वर्ष 25 मई से होगी। इस दिन सूर्य का प्रवेश रोहिणी नक्षत्र में होगा, जिसे मौसम और कृषि दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि नौतपा के नौ दिनों में जबरदस्त गर्मी पड़ती है और यह आगामी मानसून की स्थितियों का भी संकेत देती है।
अच्छी बारिश के संकेत
ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पण्ड्या के अनुसार इस वर्ष सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब रोहिणी का वास समुद्र में रहेगा। यह संकेत देता है कि इस बार बारिश सामान्य से बेहतर होगी। जलाशय, तालाब, कुएं आदि पानी से लबालब हो जाएंगे और नदियों में बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
अश्व वाहन और दिशा का प्रभाव
पं. पण्ड्या के अनुसार इस बार समय का वाहन अश्व (घोड़ा) है, जो वर्षा की तीव्रता को दर्शाता है। पूर्वोत्तर दिशा में अत्यधिक वर्षा की संभावना है, जबकि दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में या तो खंड-वर्षा होगी या फिर अतिवृष्टि की स्थिति बनेगी।
रोहिणी के गलने का असर
मान्यता है कि यदि नौतपा के बीच में बारिश हो जाए तो रोहिणी "गल" जाती है, जिससे पूरे वर्ष भर की बारिश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लेकिन इस बार रोहिणी का समुद्र में वास और अश्व वाहन संकेत कर रहे हैं कि मानसून की स्थिति मजबूत रहेगी।
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