भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम होगा उप्र का नया 'नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी' : मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये..

Dec 3, 2021 - 03:08
Dec 3, 2021 - 03:11
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भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम होगा उप्र का नया 'नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी' : मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)

देश के प्रथम राष्ट्रपति प्रयागराज में करते थे कल्पवास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर उत्तर प्रदेश में नये राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की आज पावन जयंती है। तीन दिसंबर 1884 को बिहार प्रदेश के सिवान जनपद के एक छोटे से गांव जीरादेई में डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म हुआ था। उच्च शिक्षा उन्होंने बिहार के साथ कोलकाता में अर्जित करके बिहार के एक महाविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवा प्रदान की।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भारत के स्वाधीनता के लिए असहयोग आंदोलन में उन्होंने अपना योगदान दिया था। राजेंद्र बाबू अपनी सादगी के लिए, अपने सत्य निष्ठा के लिए, स्वदेशी, स्वाबलंबन और गांधीजी के उन मूल्यों से इतने प्रभावित थे कि वही सादगी की, वही सच्चाई, वही सदृढ़ता, वही स्वदेशी पर आजीवन उनके व्यक्तित्व में झलकती रही।

1946 में देश ने अपना संविधान बनाने के कार्य को आगे बढ़ाया। दुनिया की सबसे बड़े संविधान को दो वर्ष 11 महीने 18 दिन के अंदर बनाने में सफलता प्राप्त की। आजाद भारत की व्यवस्था को कैसे व्यवस्थित रूप संचालित करना चाहिए, यह राजेंद्र बाबू के नेतृत्व में देश के संविधान सभा ने करके दिखाया था।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वह स्वतंत्र भारत में देश के प्रथम राष्ट्रपति बने। लगातार 12 वर्षों तक देश के राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने कार्य किया। राष्ट्रपति भवन की भव्यता राजसी ठाट बाट से दूर एक सादगीपन उनके जीवन का हिस्सा बना रहा। राष्ट्रपति भवन में भी उस दौरान जिन परंपराओं की उन्होंने शुरुआत की थी वह आज भी राष्ट्रपति भवन के अंदर देखने को मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि 1951 में सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार कार्यक्रम में तत्कालीन सरकार के विरोध के बावजूद गए थे। उन्होंने इस बात को बड़ी मजबूती के साथ कहा था कि सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार भारत और भारतीयता को दुनिया के मंच तक पहुंचने और भारत के आस्था का सम्मान के साथ जोड़ना चाहिए।

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उस समय उन्होंने उस कार्यक्रम में जाकर के इस बात का उल्लेख किया कि हजारों वर्षों से इस पावन स्थल की हम पूजा करते रहे हैं। हमारी आराधना और हमारी आस्था का यह केंद्र बिंदु है। अनेक सम विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए हिन्दुस्थान ने उन चुनौतियों को झेला है। उसका सामना किया है। आज वह अपने आप को गौरव की अनुभूति करते हुए जब मैं इस अभियान से जुड़कर के सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के कार्यक्रम के साथ जुड़ रहा हूं तो भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में पहले राष्ट्रपति के रूप में उनका उद्घोषणा सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के कार्यक्रम को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला अभियान था।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज कुंभ के अवसर पर जो मुझे प्रयागराज जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, वह हमारी सरकार में यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक सांस्कृतिक आयोजन को प्रयागराज की धरती पर संपन्न करना है। उस समय किले के अंदर जाने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ था। जब मैं किले के अंदर गया तो मुझे बताया गया कि किले में प्रेसीडेंशियल सुइट है। मुझे जिज्ञासा हुई यह जिला तो मुगल काल का है। तो प्रेसीडेंशियल सुइट का मतलब क्या है। तो मुझे बताया गया कि राजेंद्र बाबू यहां पर कुंभ के दौरान तो आते ही थे, हर वर्ष माघ मेले में कल्पवास के लिए भी आते थे। भारत की परंपरा और आस्था के प्रति क्या उनका लगाव था, आज भी देखते हुए बनता है। मित्रों डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी का व्यक्तित्व बहुत विराट था। वह महान थे और अपनी महानता के कारण ही आज उनके जन्मदिवस को पूरा देश मना रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले शिक्षक थे। फिर अधिवक्ता हुए। यानी प्राध्यापक पद को छोड़ करके उन्होंने उस समय लॉ की डिग्री ली थी। अधिवक्ता की अच्छी खासी प्रैक्टिस करते हुए हमारे गांधीजी के उस समय के स्वाधीनता आंदोलन के साथ जुड़ कर के भारत की स्वाधीनता के लिए भी निरंतर कार्य करते रहे। इसीलिए सरकार ने इस बात को यहां पर तय किया है कि उत्तर प्रदेश के अंदर बनने वाला हमारा नया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का नाम डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी के नाम पर होगा।

बताया कि विश्वविद्यालय का कार्य हमने प्रयागराज में प्रारंभ कर दिया है। आज के इस अवसर पर मैं भारत माता के इस महान सपूत भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस अवसर पर कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर संयुक्ता भाटिया, भाजपा के वरिष्ठ नेता विंध्यवासिनी कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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हि.स

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