के.सी.एन.आई.टी. बाँदा में जलवायु परिवर्तन पर संगोष्ठी का आयोजन
बांदा शहर के प्रतिष्ठित कालीचरण निगम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KCNIT) में आज जलवायु परिवर्तन...

जीवन सुधा फाउंडेशन के तत्वावधान में विद्यार्थियों को मिला जल संरक्षण का संदेश
बांदा, 24 मई। बांदा शहर के प्रतिष्ठित कालीचरण निगम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KCNIT) में आज जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों पर एक प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन "जीवन सुधा शिक्षा, जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण फाउंडेशन" (जीवन सुधा फाउंडेशन) के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के संस्थापक एवं मुख्य मार्गदर्शक श्रीराम सिंह लोध ने की। उन्होंने विद्यार्थियों से एक सरल लेकिन गहरा सवाल पूछते हुए कहा—
"यदि जीवन जीने के लिए एक गिलास पानी और अपार धनराशि में से किसी एक को चुनना हो, तो आप क्या चुनेंगे?"
छात्रों ने एक स्वर में 'पानी' को चुना, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पानी का मूल्य जीवन से जुड़ा हुआ है।
श्री लोध ने उपस्थित जनसमुदाय को केंद्र सरकार की "कैच द रेन" योजना के तहत अपने-अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अपील की, ताकि वर्षा जल को संरक्षित कर भूजल स्तर को रिचार्ज किया जा सके।
कृषि विशेषज्ञ हनुमान दास राजपूत ने खेतों की मेड़बंदी, खेत तालाब योजना, और हैंडपंपों तथा कुओं के पास सोक पिट निर्माण को जल संरक्षण के कारगर उपाय बताया।
भारतीय रेल में पदस्थ इंजीनियर संजय कुशवाहा ने बच्चों को आने वाले मानसून में प्रत्येक छात्र द्वारा कम से कम एक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने 'पीपल वृक्ष' को सर्वाधिक ऑक्सीजन देने वाला और पूजनीय पेड़ बताते हुए इसे संरक्षण का प्रतीक बताया।
इस संगोष्ठी के सफल आयोजन में कॉलेज के डायरेक्टर प्रदीप भटनागर, प्रबंधक अरुण श्रीवास्तव एवं कॉलेज स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संस्था के संस्थापक श्री श्रीराम सिंह लोध ने इस योगदान के लिए सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
प्रथा रूपौलिहा, जाह्नवी गुप्ता, अभिषेक रंजन झा, आशीष राय, इंजीनियर बी. एल. राजपूत, मीडिया प्रभारी अनिल राजपूत (ब्रह्मांड अकादमी), जे. भारती सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं संस्थान के शिक्षकगण।
इस संगोष्ठी का उद्देश्य था – छात्रों में पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना और उन्हें भावी पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा एवं संतुलित पर्यावरण सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित करना।
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