पत्रकारों ने सूचना विभाग को घेरा, पिछले 23 वर्षों का रिकॉर्ड आरटीआई के माध्यम से मांगा
जिले के सूचना विभाग द्वारा पत्रकारों के साथ लगातार मनमानी की जा रही है। इस मनमानी के चलते सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है। विभागीय...
बांदा,
जिले के सूचना विभाग द्वारा पत्रकारों के साथ लगातार मनमानी की जा रही है। इस मनमानी के चलते सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा लिए जा रहे फैसलों की हकीकत परखने के लिए पत्रकारों ने बिंदुवार आरटीआई के तहत जानकारी मांग कर विभाग को कटघरे में खड़ा किया है।
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बांदा प्रेस क्लब बांदा के अध्यक्ष दिनेश निगम दद्दा और क्लब के सदस्य अरविंद श्रीवास्तव ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के तहत अलग-अलग विभिन्न बिंदुओं पर जवाब मांगा है। दिनेश निगम दद्दा ने सूचना निदेशालय उत्तर प्रदेश से जानकारी मांगी है कि सूचना कार्यालय को वर्ष 2018 से 2023 तक सभी मदों पर कुल कितना बजट भेजा गया है। कार्यालय के लिए वर्ष 2019 से 2023 तक कुल कितना फर्नीचर कंप्यूटर आदि सामानों की आपूर्ति की गई है। निदेशालय द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण में विभाग के क्या नियम है। कितने वर्ष तक अधिकारी कर्मचारियों को एक जिले में रखा जा सकता है। नियमावली की प्रमाणित कापी मांगी गई है। इसी तरह से मान्यता प्राप्त तथा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के जलपान लेखन सामग्री के लिए कुल कितना बजट आवंटित किया गया है। इसी तरह निदेशालय द्वारा इस कार्यालय को प्रसार प्रसार के लिए इस अवधि में कितना धन आवंटित हुआ है।
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पत्रकार अरविंद श्रीवास्तव ने 2020 अबतक मान्यता प्राप्त प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की प्रमाणित सूची, इसी अवधि में गैर मान्यता प्राप्त प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पंजीकृत पत्रकारों की सूची मांगी है। इसी अवधि में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मंत्रियों के बांदा आगमन पर कार्यालय से कुल कितने पास आवंटित किए गए। इसका विवरण मांगा गया है। इसी तरह 7 नवंबर के को जिले के जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुल कितने पत्रकारों को बुलाया गया। इन सभी पत्रकारों के समाचार पत्रों व चैनलों के नाम तथा उन्हें किस अधिकारी के आदेश पर बुलाया गया। वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक मंत्रियों या अधिकारियों के आगमन पर कराई गई प्रेस वार्ता में कुल कितना सरकारी बजट खर्च किया गया। इसके लिए कितनी सामग्री बाजार से मंगाई गई।
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इसी तरह यह भी जानकारी मांगी गई है कि सूचना कार्यालय में 2010 से लेकर 2023 तक कुल कितने वाहन हैं अगर कार्यालय का कोई वाहन खराब है तो कहां है। कार्यालय में उपलब्ध वाहन क्या कभी बाहरी जिलों में गया है। यदि हां तो सभी का विवरण लाग बुक सहित उपलब्ध कराये। कार्यालय में उपलब्ध वाहन के चालक का पूरा नाम, पिता का नाम व स्थाई पता दिया जाए और यह भी बताया जाए की चालक क्या सरकारी है या प्राइवेट, अगर प्राइवेट है तो इसे किस अधिकारी के आदेश पर नियुक्त किया गया है।यह भी जानकारी मांगी है कि कार्यालय में कुल कितने कर्मचारी अधिकारी कार्यरत हैं क्या कोई संविदा कर्मी है। अगर संविदा कर्मी है तो किसके आदेश पर नियुक्त है।
कार्यालय द्वारा शासन की योजनाओं का पत्रकारों से प्रचार प्रसार कराया जाता है। 2020 से लेकर 2023 तक किन-किन पत्रकारों के माध्यम से प्रचार कराया गया उन सभी पत्रकारों सूची, बांदा प्रेस क्लब की बबेरू इकाई द्वारा 10 अक्टूबर 2023 को पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया गया था। जो सूचना अधिकारी रामजी दुबे को प्राप्त हो गया है।इस पर कार्यालय द्वारा क्या कार्रवाई की गई है। इसी तरह प्रेस क्लब के पत्र, संख्या 7 को 26 अप्रैल 2023 के विभाग के परिचर विनोद कुमार को प्राप्त कराया गया था। इसमें 60 पत्रकारों की सूची थी। सभी पत्रकारों को सूचना विभाग ने किस श्रेणी में रखा है।इसी क्रम में कार्यालय में कुल कितने फर्नीचर उपलब्ध हैं। 2020 से लेकर अब तक कितना फर्नीचर का सामान बाजार से खरीदा गया। सभी बिलों की छाया प्रति और 2020 से लेकर 2023 तक फर्नीचर किसके आदेश पर खरीदे गए। साथ ही विभाग के कंप्यूटर में अब तक खर्च की धनराशि का विवरण मांगा गया है।