धर्मनगरी चित्रकूट में इसी वर्ष 70 सीटर क्षमता वाले विमान भरेंगे उडान

भगवान राम की तपोस्थली धर्मनगरी चित्रकूट इसी वर्ष ही हवाई सुविधा से लैस होगी..

धर्मनगरी चित्रकूट में इसी वर्ष 70 सीटर क्षमता वाले विमान भरेंगे उडान
फाइल फोटो

भगवान राम की तपोस्थली धर्मनगरी चित्रकूट इसी वर्ष ही हवाई सुविधा से लैस होगी। देवांगना घाटी स्थित निर्माणाधीन हवाई पट्टी में विस्तारीकरण का कार्य पूर्ण होने के बाद 70 सीटर क्षमता वाले विमान आसानी से उतरेंगे।

इससे चित्रकूट ही नहीं बुन्देलखण्ड के दूसरे जिलों झांसी, बांदा, ललितपुर आदि में बाहर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी आएगी। पर्यटन को इससे बढ़ावा मिलेगा। 

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देवांगना घाटी में हवाई पट्टी के निर्माण की शुरूआत जून 2015 में हुई थी। पहले चरण का करीब 75 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। मौजूदा समय पर तैयार हवाई पट्टी में हेलीकाप्टर के अलावा छोटे विमान लैंड हो रहे हैं।

हालांकि अभी यहां से हवाई सेवा नहीं शुरू हुई है, केवल वीआईपी ही कभी-कभी विशेष विमान से आकर यहां पर उतरते हैं। केन्द्र सरकार ने इस हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कराना शुरू कर दिया है।

कार्यदाई संस्था राइट्स लिमिटेड इसका काम करा रही है। पहले चरण में हवाई पट्टी का निर्माण 29.372 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किया गया है। अब विस्तारीकरण का कार्य 84.800 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किया जा रहा है।

विस्तारीकरण में 70 करोड़ की लागत से 2500 मीटर लंबा रनवे तैयार होगा। जिसमें 70 सीटर क्षमता वाले विमान लैंड कर सकेंगे। शासन स्तर से हवाई पट्टी को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे है। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है। 

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धर्मनगरी में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या  

देवांगना घाटी में हवाई शुरू होने के बाद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अभी विदेशी पर्यटक बहुत ही कम संख्या में यहां आ रहे है। उनको आने के लिए खजुराहो, इलाहाबाद तक ही हवाई सेवा की सुविधा मिल पाती है।

देवांगना घाटी में इसकी सुविधा मिलने से पर्यटक लखनऊ, दिल्ली, इलाहाबाद आदि जगहों से सीधे प्लेन के जरिए चित्रकूट घूमने आएंगे। इससे सरकार को राजस्व का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे। हवाई सेवा शुरू होने से चित्रकूट के अलावा आसपास के पर्यटन स्थलों में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढोत्तरी होगी।

बांदा जिले के ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग में विदेशी पर्यटक खजुराहो तक प्लेन के जरिए आने के बाद घूमने आते है। इसमें उनको काफी दिक्कतें होती है। देवांगना हवाई पट्टी से कालिंजर नजदीक है। हवाई सुविधा मिलने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।

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