पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण करने वाले आधा सैकड़ा टाइगर, अब रहेंगे ड्रोन कैमरे से की निगरानी में

छतरपुर जिले की सीमा से सटे पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण करने वाले आधा सैकड़ा से अधिक टाइगर और जंगल की व्यवस्थाओं की निगरानी..

पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण करने वाले आधा सैकड़ा टाइगर, अब रहेंगे ड्रोन कैमरे से की निगरानी में
टाइगर (tiger)

छतरपुर जिले की सीमा से सटे पन्ना टाइगर रिजर्व में विचरण करने वाले आधा सैकड़ा से अधिक टाइगर और जंगल की व्यवस्थाओं की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाने लगी है। इसके लिए ड्रोन स्क्वाड की मदद से वन्य जीव संरक्षण की दिशा में अत्याधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल की यह अनूठी पहल मानी जा रही है। 

ड्रोन स्क्वाड से वन्य जीवों की खोज उनके बचाव, जंगल की आग का स्त्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव-पशु संघर्ष के खतरे को टालने और वन्य जीव संरक्षण संबंधी कानूनों का पालन कराने में मदद मिलने लगी है।

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भविष्य में वन्यजीव प्रबंधन, ईकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी ड्रोन के उपयोग की योजना बनाई जायेगी। जैव-विविधता के दस्तावेीकरण में भी इससे मदद मिलेगी। पन्नाा टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में वन्यजीवों के संरक्षण, निगरानी और प्रबंधन के लिए जो ड्रोन स्क्वाड बनाया है उसमें डीजेआई फैंटम ड्रोन मांडल का एक ड्रोन बैटरी से संचालित किया जाता है।

उन्होने बताया कि  एक वाहन पर एक सहायक व एक ड्रोन ऑपरेटर तैनात रहता है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक इस ड्रोन स्क्वाड के जो नतीजे सामने आए हैं वे सुखद है। ड्रोन स्क्वाड कम समय में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण और निगरानी में फील्ड स्टाफ की सहायता करने में सक्षम है। ड्रोन संचालन की खूबी है कि यह बड़ी मात्रा में ऐसा डेटा संग्रह करने में मददगार है जिसे संग्रहित, संशाधित और विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है।

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