राम वन गमन पथ की परियोजना साकार करेगी सरकारः सांसद गणेश सिंह
क्षेत्रीय सांसद गणेश सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम की तपोस्थली की पवित्र भूमि चित्रकूट में रामवन गमन पथ की परियोजना को साकार रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी...
चित्रकूट में सांसद ने रखी श्रीराम वन संस्कृति बन के निर्माण की आधारशिला
सतना, क्षेत्रीय सांसद गणेश सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम की तपोस्थली की पवित्र भूमि चित्रकूट में रामवन गमन पथ की परियोजना को साकार रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर चित्रकूट के रजौला में 8 हेक्टेयर भूमि में श्रीरामवन (संस्कृति वन) के निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है।
सांसद गणेश सिंह सोमवार को श्रीराम वन के निर्माण कार्यों के भूमि पूजन एवं वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरा विश्व चिंतित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पेरिस में पर्यावरण संरक्षण के संदेश को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने और संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया है। उज्जवला जैसी योजना और पराली तथा कोयले के उत्सर्जन को रोकने कारगर तरीके से पर्यावरण सुधार के प्रयास भी हुए हैं।
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उन्होंने कहा कि हमारे देश में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अभी भी वृक्ष हैं। आगामी 5 वर्षों में इसे और बढ़ाना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन पेड़ लगाकर राज्य के 8 करोड़ लोगों को पर्यावरण सुधार का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाना आसान है लेकिन उनका संरक्षण अत्यंत जरूरी है।
सांसद सिंह ने कहा कि चित्रकूट की पवित्र पुनीत धरती पर पर्यावरण दिवस पर श्रीरामवन (संस्कृति वन) की आधारशिला रखी गई है। यहां 8 हेक्टेयर के विशाल भूखंड में पर्यावरणीय, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक महत्व की वाटिकायें, बनेगी। इनमें नवग्रह वन पंचवटी वन, नक्षत्र वन, अशोक वाटिका, रामलला वाटिका, सीता रसोई निचलें स्थानों पर जलाशय तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं एवं पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के 4 स्थानों भोपाल, उज्जैन, खजुराहो और चित्रकूट में 12 करोड रुपये की लागत से वाटिकायें बनाई जा रही हैं। कार्य की एजेंसी वन विभाग को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक रामवन पथगमन मार्ग राज्य सरकार द्वारा नए सिरे से 84 कोशीय परिक्रमा के महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ते हुए अमरकंटक तक पूरा मार्ग बनाएगी। इस वन गमन मार्ग पर भगवान श्रीराम से जुड़े हुए प्रमुख सभी तीर्थ भी जोड़े जाएंगे।
सांसद सिंह ने कहा कि श्रीराम वन और राम पथ वन गमन मार्ग के निर्माण में चित्रकूट की प्राकृतिक सुंदरता को बनाये रखा जाएगा। इस अवसर पर सांसद श्री सिंह ने शिला पट्टिका का अनावरण एवं वृक्षारोपण कर श्री राम बन के निर्माण कार्यों का भूमि पूजन किया।
इस मौके पर कामदगिरि कामतानाथ के महंत मदन दास जी महाराज, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, नगर पंचायत अध्यक्ष साधना पटेल, उपाध्यक्ष आशीष शर्मा, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, एसडीएम जितेन्द्र वर्मा भी उपस्थित थे।
सिद्धा धाम तीर्थ के रूप में विकसित होगा सिद्धा पहाड़
सांसद गणेश सिंह ने कहा कि धार्मिक, अध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व के सिद्धा पहाड़ को संरक्षित और सुविधाओं का विस्तार कर सिद्धाधाम तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने सरभंगा आश्रम के समीप सिद्धा पहाड़ के संरक्षण और विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 50 लाख रुपये लागत से स्वीकृत कार्यों का भूमिपूजन किया तथा वृक्षारोपण भी किया। इस मौके पर कामतानाथ चित्रकूट के महंत मदनदास जी महाराज, पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े, डीएफओ विपिन पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष साधना पटेल, निरंजन जायसवाल, सुभाष शर्मा, रूद्रदत्त पाण्डेय तथा आस-पास की ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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सांसद सिंह ने कहा कि वनवास के दौरान जहॉं प्रभु श्रीराम ने भुजा उठाकर निशिचर विहिन धरती करने का प्रण लिया था। इस धार्मिक, पौराणिक महत्व के स्थल को सिद्धाधाम तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा। राज्य शासन के संस्कृति विभाग और वन विभाग द्वारा सिद्धा पहाड़ के संरक्षण के प्रयास किये जा रहे हैं। यहॉं भगवान श्रीराम की भुजा उठाकर प्रण करते हुई विशाल प्रतिमा की स्थापना की जायेगी। राज्य सरकार ने इस पवित्र स्थल को संरक्षित करने सभी आस-पास की खदानें निरस्त कर दी है। वही स्थल के विकास और संरक्षण के लिए डीएमएफ मद से 50 लाख रुपये से स्वीकृत कार्य कराये जा रहे हैं। जिसमें पहाड़ की वाउंडरी, पैदल पथ और प्रतिमा स्थल तक जाने सीढ़ियां भी बनाने का प्रावधान है। कार्यकारी एजेंसी वन विभाग द्वारा काम भी शुरू कर दिया है। सांसद ने कहा कि प्रसिद्ध सिद्धा पहाड़ को सिद्धा धाम तीर्थ स्थल बनाने के प्रयास किये जायेंगे। यहॉं रामायण, सत्संग और साधु संतों के ठहरने की सुविधायें भी विकसित की जायेगी।
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