बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बगल से इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहित हुई तो किसान भूमिहीन हो जाएंगे, किसानों ने किया एतराज
उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में प्रदेश सरकार द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने के बाद, अब इसके बगल से इंडस्ट्रियल...
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उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में प्रदेश सरकार द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाने के बाद, अब इसके बगल से इंडस्ट्रियल कारीडोर बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। जिसका किसानों ने कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि अगर हमारी एक्सप्रेस वे से लगी हुई जमीन अधिग्रहित की गई । तो हम सब भूमिहीन हो जाएंगे और परंपरागत पेशे से कट कर तबाह हो जाएंगे। किसानों के विरोध के चलते जिला अधिकारी ने इस संबंध में एक समिति का गठन कर दिया है।
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इस संबंध में प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह ने बताया कि प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए बिसंडा ग्रामीण में बिसंडा अतर्रा मार्ग से लगी हुई पश्चिम एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उत्तर दिशा की ओर स्थित जमीन को प्रस्तावित किया गया है। जिसका रकबा 100 हेक्टेयर बताया जा रहा है। उक्त कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में पहले ही अधिग्रहित किया जा चुका है। शेष कृषि भूमि से ही किसानों का जीविकोपार्जन हो रहा है। जिस जमीन को अधिग्रहित किया जा रहा है वह सर्वाधिक उपजाऊ इलाका है। जहां आमतौर पर तीन फसलें ली जाती है।
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उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र का बाजार मूल्य मूल्यांकित सर्किल दर से कई गुना अधिक है। इस वजह से सर्किल दर पर मुआवजा के निर्धारण में किसानों को भारी नुकसान होगा। जनपद में वर्तमान समय लागू सर्किल रेट 2017-18 से नहीं बढ़ाया गया है। जबकि तब से अभी तक बाजार मूल्य कई गुना बढ़ चुका है। यूपीडा द्वारा क्रय की जाने वाली भूमि में 2017-18 के सर्किल रेट के आधार पर ही सौदा होगा। जो प्रभावित किसानों के पुनर्वास पर कुठाराघात होगा और उनकी संपत्तियां तबाह हो जाएंगी।
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किसान प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ बिसंडा से पश्चिम की ओर कई गांव की ऐसी कृषि भूमि भी है। जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ, एक फसली, बंजर भूमि है। उन क्षेत्रों में इस प्रोजेक्ट को चिन्हित किए जाने से खाद्यान्न उत्पादन में कम से कम नुकसान होगा। प्रशासन से मांग की गई है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस के 5 किलोमीटर इधर और 5 किलोमीटर उधर प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहित की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में हम सब किसानों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की है। जिस पर उन्होंने एक कमेटी गठित कर दी है। जिसके माध्यम से इस मामले का निस्तारण होगा। जिला अधिकारी से मिलने वाले किसानों में प्रेम सिंह के अलावा प्रदीप कुमार सिंह, सुधीर सिंह, अनूप राज सिंह, विनोद कुमार सिंह, दिलीप सिंह, विमल सिंह, जितेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह व देवदत्त चौबे आदि शामिल रहे।
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