बुंदेलखंड की विशिष्ट जलवायु में ड्रैगन फ्रूट एक उम्मीदों भरा फल है : कुलपति
बुंदेलखंड की विशिष्ट जलवायु परिस्थिति में ड्रैगन फ्रूट एक उम्मीदों भरा फल है। ड्रैगन फ्रूट की खेती करके किसान बहुत ही कम समय..
बुंदेलखंड की विशिष्ट जलवायु परिस्थिति में ड्रैगन फ्रूट एक उम्मीदों भरा फल है। ड्रैगन फ्रूट की खेती करके किसान बहुत ही कम समय में भरपूर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त कुपोषण से ड्रैगन फ्रूट, नीम्बू वर्गीय फल एवं बारबाडोस चेरी एहम भूमिका निभाएंगे।
कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बाँदा के संयुक्त तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष में पोषण वाटिका महाभियान के अर्न्तगत आयोजित कार्यक्रम में कुलपति ने कही।
यह भी पढ़ें - बुन्देलखण्ड के लोग कुपोषण से बचने को, पोषक मोटे अनाज का उपयोग करें
इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण, नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों का मार्गदर्शन किया गया एवं विश्वविद्यालय द्वारा बीज किट एवं फलदार पौधों को किसानों में वितरण किया गया। तत्पश्चात कुलपति द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष, बाँदा सुनील पटेल को फल विज्ञान विभाग द्वारा लगाए गए फल बागीचे में लगे पौधे जैसे कि ड्रैगन फ्रूट, नींबू प्रजातीय फल, बारबाडोस चेरी एवं अंजीर के पौधे दिखाए गए।
इस उपलक्ष्य पर फल विज्ञान विभाग द्वारा विगत वर्षों के शोध एवं मूल्यांकन कार्यों की प्रशंसा करते हुए कुलपति ने कहा की लघु एवं सीमान्त कृषकों की आय वृद्धि में फल वृक्षों की एहम भूमिका है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष, बाँदा ने फल विज्ञान विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जन मानस तक पहुँचाने के लिए विकास स्तरीय कार्यक्रमों के आयोजन तथा गुणवत्ता युक्त पौध सामग्री की उपलब्धता कराए जाने की बात कही। प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम में आये गए अतिथियों तहत प्रगतिशील कृषकों को फल उत्पादन तकनीकों एवं प्रवर्धन जानकारी विभाग के अध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा दी गई एवं डॉ आनन्द सिंह, डॉ सुभाष चंद्र, डॉ ओम प्रकाश, डॉ निधिका ठाकुर, डॉ बृजेन्द्र कुमार सिंह एवं परियोजना सहायक आदि उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें - ‘ओजोन परत के क्षरण के लिए हमारी आधुनिक जीवन शैली जिम्मेदार’