सीटे बढ़ाने की मांग को लेकर भीगते पानी में छात्रों का प्रदर्शन, आप ने भी चेताया
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध पंडित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के छात्रों ने बुधवार को बीए और बीएससी कक्षाओं के..
बांदा,
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध पंडित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के छात्रों ने बुधवार को बीए और बीएससी कक्षाओं के लिए सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर बारिश के दौरान भीगते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में करते हुए प्रदर्शन किया और कहा कि अगर सीटें नहीं बढ़ाई गई तो सैकड़ों छात्र एडमिशन से वंचित हो जाएंगे। अपनी मांगों को लेकर हम गुरूवार से अशोक लाट के नीचे छात्र भूख हड़ताल करेंगे।
यह भी पढ़ें - जेलर को धमकाने के मामले में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को दो साल की सजा
प्रदर्शनकारी छात्रो का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता सनी पटेल ने कहा कि विगत कई वर्षों से कालेज प्रशासन द्वारा छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है। पिछले वर्ष छात्रों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा मूल सीटों के अतिरिक्त 2100 सीटों की वृद्धि की गई थी। जिससे कॉलेज में दो अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाए गए थे। लेकिन इस वर्ष बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा बढ़ाएं गई 2100 सीटें न सिर्फ वापस की गई बल्कि जो 720 मूल सीटें थी उनमें भी 120 घटाकर 600 कर दी गई हैं।
जिससे यहां प्रवेश के लिए मारामारी हो रही है। इस कॉलेज में गरीब मजदूरों के बच्चे कम पैसे में पढ़ने के लिए आते हैं लेकिन सीटों की कटौती के चलते इस वर्ष सैकड़ों की तादाद में बच्चे एडमिशन से वंचित हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रेषित किया। छात्रों की मांग है पिछले वर्ष की तरह कॉलेज में 2 सेक्शन बढ़ाकर सीटों की संख्या बढ़ाई जाए और मूल सीटों में जो 120 सीटें घटाई गई हैं उन्हें भी बहाल किया जाए। ताकि गरीब व कमजोर वर्ग के छात्र छात्राएं अपना एडमिशन करा सकें।
यह भी पढ़ें - मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने बांदा के एक कार्यक्रम में जल संरक्षण के लिए दिलाई थी शपथ
इसी तरह पं जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय बाँदा में सीट बढ़ोतरी की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी छात्र विंग ने डीएम को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि विगत वर्ष महाविद्यालय बांदा की बीए,बीएससी एमएससी की सीटें जो पर्याप्त नहीं थी,जिसे पिछले साल महाविद्यालय के छात्रों के आंदोलन करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विषयों में पर 3 गुना सीटों की बढ़ोतरी कर दी थी,जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र लाभान्वित हो रहे थे।
इस वर्ष पुनः उन सीटों को कम कर दिया गया है,जबकि छात्रों की संख्या बहुत अधिक है,ऐसे में क्षेत्र के बहुत से गरीब छात्र एडमिशन लेने से वंचित हो रहे है।सीटें कम हो जाने की वजह से छात्रों बहुत निराशा है,जबकि प्राइवेट महाविद्यालयों में सीटों का कोई कोटा निर्धारित नही है । छात्रों की उपरोक्त समस्याओं को जल्द से जल्द निस्तारण कराये नही तो सभी छात्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
यह भी पढ़ें - महाभारत के रचयिता वेदव्यास का हिमाचल के बिलासपुर, जालौन के बाद बांदा में तीसरे जन्म स्थल की खोज