तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में योग दर्शन के विशेष आलोक में समकालिक...

चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में योग दर्शन के विशेष आलोक में समकालिक वैश्विक चुनौतियां एवं समाधान विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।
समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डॉ सुरेंद्र कुमार पांडेय आईएएस ने कहा कि योग मानव जीवन का परम लक्ष्य है। बिना योग के प्रवृत्ति मार्ग से निवृत्ति मार्ग प्रशस्त नहीं होता है। उन्होंने यत पिंडे तत ब्रह्मांड युक्ति के आधार पर योग की व्याख्या करते हुए कहा कि योग के द्वारा परमात्मा और आत्मा का मिलन सहज रूप में करते हैं। श्रीमद् भागवत गीता का हर अध्याय योग को वर्णित करता है। उन्होंने योग वशिष्ठ पर विशेष बल देते हुए योग को भवसागर से पार करने का साधन बताया। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय ने कहा कि योग का अर्थ केवल जोड़ना ही नहीं है बल्कि योग के द्वारा व्यक्ति निष्ठ से आत्म निष्ठ की ओर आकर्षित होता है और सामाजिक समरसता का पर्याय बनता है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजाराम यादव ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को उत्कृष्ट व्यक्तित्व के रूप में योग के चमत्कार का परिणाम बताया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अमरकंटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो प्रकाश मणि त्रिपाठी ने योग में लोक कल्याण के भावों का वर्णन करते हुए इसे वर्तमान चुनौतियों के लिए एक अमूल्य निधि के रूप में प्रस्तुत किया। इंग्लैंड से आई डॉ एस लूसी ने कहा कि असीमित सुख एवं शांति को सीमित प्रयास से प्राप्त करने के लिए योग का मार्ग अपना सकते हैं। विषय प्रवर्तन करते हुए महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रजनीश शुक्ल ने कहा कि योग दर्शन एक ऐसे समाज की बात करता है जिसमें मनुष्य को मनुष्यता सिखाने की कला है। संगोष्ठी के संयोजक एवं दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा हरिकांत मिश्र ने देश विदेश से आए प्रतिनिधियों एवं विद्वानों का परिचय दिया। संचालन संगीत विभाग के अध्यक्ष डॉ गोपाल कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर विवि के अधिष्ठाता डॉ अमित अग्निहोत्री, डॉ निहार रंजन मिश्र, डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ किरण त्रिपाठी, डॉ गुलाबधर, डॉ रजनीश कुमार सिंह, डॉ नीतू तिवारी, डॉ भविष्या माथुर, कुलाधिपति के निजी सचिव आरपी मिश्र, कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत, डा सुशील त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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