चित्रकूट : धनुष यज्ञ लीला में पहुंचीं एसपी ने दर्शकों को मातृ शक्ति की बताई महत्ता

मानिकपुर ब्लाक क्षेत्र के ऐचवारा गांव में गुरुवार की रात धनुष यज्ञ लीला, लक्ष्मण-परशुराम संवाद...

चित्रकूट : धनुष यज्ञ लीला में पहुंचीं एसपी ने दर्शकों को मातृ शक्ति की बताई महत्ता

चित्रकूट। मानिकपुर ब्लाक क्षेत्र के ऐचवारा गांव में गुरुवार की रात धनुष यज्ञ लीला, लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन हुआ। शुक्रवार को गांव में भव्य राम बारात निकाली गई। धनुष यज्ञ लीला के दौरान ग्रामीण कलाकारों ने मंचन किया। लीला के माध्यम से भगवान राम के चरित्र का बखान किया गया।

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धनुष यज्ञ लीला का देर शाम एसपी वृंदा शुक्ला ने शुभारंभ किया। उन्होंने भगवान राम, लक्ष्मण व गुरु विस्वामित्र की आरती उतारी। कहा कि रामलीला मंचन में कलाकारों के अभिनय से समाज को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। सामाजिक मर्यादाओं के साथ ही किस तरह की भूमिका लोगों की होनी चाहिए यह सब लीला के मंचन में देखने को मिलता है। एसपी ने मातृ शक्ति को मां दुर्गा का अवतार बताया। कहा कि नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुप देखने को मिलते है। मातृ शक्ति अब अपने ऊपर होने वाले जुल्म को कतई सहन न करें बल्कि पुलिस को अवगत कराएं। उन्होंने महिला हेल्प लाइन नंबरों की जानकारी दी। लोगों से कहा कि थानों में उनकी शिकायत को गंभीरता से सुनकर निस्तारण किया जाएगा। अगर कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है तो उन्हें अवगत कराएं। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने एसपी को राम दरबार की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।

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धनुष यज्ञ लीला में अखिलेश कुमार ने रावण, वेद प्रकाश शुक्ला ने वाणासुर, संस्कार ने राम, अंशू ने लक्ष्मण, रविकांत ने परशुराम, भास्कर प्रसाद लेखपाल ने पेटूराजा, लक्ष्मणलाल कानूनगो ने लहटकिया, आदित्य कुमार ने जनक, बुद्धबिलाश ने सतानंद, गौरेन्द्र व सक्षम ने साधू व असाधू का मंचन किया। रावण, वाणासुर व लक्ष्मण, परशुराम संवाद रोचक रहा। इस दौरान मानिकपुर विधायक अविनाशचंद्र द्विवेदी, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रवि त्रिपाठी, बद्री बिशाल त्रिपाठी, जगदीश गौतम, रामसागर चतुर्वेदी, तीरथ प्रसाद, भोला प्रसाद, पूर्व प्रधान त्रिवेणी प्रसाद, नंदकिशोर, गुलजारी गर्ग, रमाशंकर दुबे, श्रीनिवास शुक्ला, यमुना शुक्ला, गोविंद तिवारी, सुनील तिवारी, अनुसुइया तिवारी, वेदप्रकाश तिवारी आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता टीएन शुक्ला ने किया। ग्राम प्रधान सुनील शुक्ला ने कार्यक्रम की व्यवस्था देखी।

एसपी ने मिशन शक्ति के बताएं उद्देश्य

चित्रकूट। मिशन शक्ति अभियान व शक्ति दीदी कार्यक्रम अन्तर्गत बीती रात पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने कर्वी शहर  के गंगाजी रोड शंकर बाजारा स्थित काली देवी पूजा पण्डाल में जाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने महिलाओं, लड़कियो को सुरक्षा का एहसास कराते हुये मिशन शक्ति के उद्देश्यों से रूबरू कराया। हेल्पलाइन के बारे में जानकारी दी है।

सौन्दर्यीकरण की बाट जोह रहा मां आनंदी धाम मंदिर

मऊ (चित्रकूट)। क्षेत्र के समादृत देवी स्थल के रूप में प्रसिद्ध मां आनंदी माता मंदिर झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित है। लोक आस्था में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में भी क्षेत्र में यह मंदिर प्रसिद्ध है। दूरदराज से लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर गाजेबाजे के साथ मां के धाम में हाजिरी लगाने आते हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा साल भर भंडारा एवं भजन कीर्तन आयोजित कराया जाता है।

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ऐतिहासिक महत्व रखता है यह स्थल

मऊ। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि मां आनंदी धाम मंदिर का परिसर पहले खुला था। मंदिर का निर्माण बाद में हुआ है। क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष के समय इसी परिसर में एक नीम का पेड़ हुआ करता था। उस पेड़ पर अंग्रेजों ने आजादी के मतवालों को फांसी दी थी। कालांतर में पेड़ गिर गया और समय के कालचक्र में वह निशान भी मिट गया। अब निशान के साथ साथ यादें भी धूमिल हो चुकीं हैं।

सुख-दुःख में याद करते हैं क्षेत्रवासी

मऊ। मंदिर में स्थापित मऊ की महारानी मां आनंदी लोक जीवन की आस्था में पूरी तरह से समादृत स्थान रखती हैं। लोग अपने सुख दुःख में मां आनंदी माता को ही याद करते हैं। स्थानीय लोग प्राचीन मूर्ति के संबंध में सैकड़ों वर्ष पुरानी एक किवदंती भी बताते हैं कि मंदिर परिसर के पीछे स्थित तालाब के उत्खनन में मूर्ति मिली थी। जिसे लोगों ने विधिविधान से स्थापित कर पूजा अर्चना प्रारंभ कर दिया। लोगों की आस्था और विश्वास ने मंदिर के निर्माण एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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सौंदर्यीकरण की है महती आवश्यकता

मऊ। क्षेत्र के जनसेवक विष्णु देव त्रिपाठी का कहना है कि मंदिर का स्थान क्षेत्र में प्रमुख है। मंदिर में आसपास के दर्जनों गांवों से श्रद्धालु आते हैं। इसलिए मंदिर केे सौंदर्यीकरण की महती आवश्यकता है।

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