राक्षसो के संहार को श्रीराम ने उठाया धनुष, डिफेंस कारीडोर बनेगा उसीका परिचायक : योगी
दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां में गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर गोस्वामी तुलसीदास...
केवीके गनींवा में मानस मर्मज्ञ मोरारी बाबू व सीएम ने संत तुलसी की साढ़े छह फिट की प्रतिमा का किया अनावरण
परमानंद आश्रम विद्यालय के बच्चों को बांटी चाकलेट, दसवीं तक शिक्षण संचालित करने का दिया भरोसा
चित्रकूट। दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां में गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण मानस मर्मज्ञ संत मोरारी बापू एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, चित्रकूट के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, महामंडलेश्वर संतोषाचार्य महाराज सतुआ बाबा, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले, राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गुरुवार की दोपहर मुख्यमंत्री का उड़नखटोला कृषि विज्ञान केन्द्र गनींवा के हेलीपैड पर उतरा। 1 घंटा 30 मिनट तक मुख्यमंत्री केवीके परिसर के कार्यक्रमों में उपस्थित रहे। गनीवा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परमानंद आश्रम विद्यालय के बच्चों को चॉकलेट बांटी। उन्होंने बच्चों से संवाद कर शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। प्रतिमा अनावरण के उपरांत तुलसी परिसर में ही स्थित परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां में मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। इसके पूर्व दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले ने मुख्यमंत्री सहित मंचासीन सभी अतिथियों को संत तुलसीदास का विग्रह भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतरत्न नाना जी की कर्मस्थली और गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली एवं आदिकवि महर्षि वाल्मीकि लालापुर की पावन धरा को कोटि-कोटि प्रणाम है। प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट वनवास के दौरान ऋषि मुनियों के सानिध्य और उस समय भारत की सामाजिक व्यवस्था के आधार स्तंभ कोल, भील, निषाद जनजातियों के बारे में उल्लेख करते हुए शास्त्रों ने बहुत ही मनोरथ तरीके से उनका आदर्श प्रस्तुत करने का कार्य किया है। कहा कि जब चित्रकूट की चर्चा होती है तो ध्यान में आता है कि प्रधानमंत्री ने कहा था सबसे पहले बुंदेलखंड के विकास के लिए कार्य करना है। सबसे पहले जनजाति समाज को सर्व सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य करना है। यह सब कर के उनके ऊपर कोई उपकार नहीं किया, वह तो प्रभु श्री राम के वनवास काल के दौरान इन जनजाति समाज और उनके पूर्वजों ने जो किया था उसका परिणाम स्वरुप प्रयास है। कहा कि आज बुंदेलखंड में दलहन, तिलहन, मकई का दायरा बढ़ा है। पहली बार मोदी जी ने व्यापक पैमाने पर देश भर में साइल हेल्थ कार्ड जारी किया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की। बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में अभी लोग तीन-तीन फसलें लेना शुरू किए हैं। नाना जी ने अपने प्रचारक कार्यकाल की शुरुआत गोरखपुर से ही की थी। नाना जी ने गोरखपुर में शिशु मंदिर के रूप में जो बीज रोपा था आज वह विशाल वट वृक्ष बनकर उसकी शाखाएँ देश भर में स्थापित हो चुकी है। जिन लोगों ने वनवास काल के दौरान राम जी का सहयोग किया था अगर उन लोगों के प्रति राग द्वेष रखेंगे तो विकास का मार्ग प्रशस्त नहीं कर पाएंगे। परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय इस बात की ही प्रेरणा देता है। अभी तक यह विद्यालय पांचवी तक संचालित था। अब इसे और अच्छी तरह से पूरी व्यवस्थाओं के साथ दसवीं तक संचालित करेंगे। प्रभु श्री राम ने जिस तरह से दंडकारण्य से लेकर सुदूर पंचवटी तक धनुष उठाकर राक्षसों का संहार किया था उसी तरह चित्रकूट का यह डिफेंस कॉरिडोर भी उसी का परिचायक है। देश की सुरक्षा के लिए मजबूत दीवार खड़ी करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब समाज और सरकार मिलकर काम करती है तो साकार परिणाम सामने आते हैं। दीनदयाल शोध संस्थान का यह आयोजन इसका जीता जागता उदाहरण है। इस मौके पर संस्कृति विभाग के सहयोग से भजन मंडली व आदिवासी बालिकाओं ने भजनों एवं तुलसी महिमा व रचनाओं की आकर्षक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने बताया कि राम दर्शन में स्थापित गोस्वामी जी की प्रतिमा के अनुरूप ही हाथ में मोरपंखी लेकर ताम्र पत्र पर लिखते हुए लगभग साढ़े छह फीट की संत तुलसीदास की प्रतिमा स्थापित की गई है।
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