बुंदेलखंड में किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह हो गया भंग

बुंदेलखंड की धरती पर अब किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह भंग हो गया है...

बुंदेलखंड में किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह हो गया भंग

हमीरपुर। बुंदेलखंड की धरती पर अब किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह भंग हो गया है। किसी जमाने में इसकी खेती बड़े स्तर पर किसान करते थे लेकिन अब सोयाबीन की खेती किसानों को रास नहीं आ रही है। इसीलिए इस साल सोयाबीन की खेती का ग्राफ काफी निचले पायदान पर आ गया है।

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बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों में लाखों किसान खेतीबाड़ी करते हैं। परम्परागत खेती में किसानों को दैवीय आपदा के कारण हर साल बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है इसीलिए कम लागत में मोटा मुनाफा देने वाली फसलों की तरफ किसानों ने रुख किया है। पिछले कुछ दशक पहले बुंदेलखंड की धरती पर तिलहन में तिल, मूंगफली और सोयाबीन की खेती किसान प्रमुखता से करते थे लेकिन अब किसानों का खासकर सोयाबीन की खेती से मोह भंग हो गया है। इस साल खरीफ की फसलों का लक्ष्य शासन ने पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ाया है। बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल के चार जिलों में ही 97 हजार से ज्यादा हेक्टेयर में ज्वार की बोआई कराई जा रही है जबकि 16 हजार से अधिक हेक्टेयर में बाजरा, सात हजार से अधिक हेक्टेयर में धान, 85 हजार से ज्यादा हेक्टेयर क्षेत्रफल में उड़द की बोआई किसानों ने की है। इसके अलावा दो हजार से अधिक हेक्टेयर में मूंग की बोआई कराई गई है।

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बुंदेलखंड क्षेत्र में हर साल सोयाबीन की खेती का रकबा घट रहा है। इस बार किसानों में इसकी खेती को लेकर कोई उत्साह नहीं नजर आ रहा है। हमीरपुर के उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि पिछले साल खरीफ में 1199 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की खेती किसानों ने की थी लेकिन इस बार 271 हेक्टेयर रकबे में ही इसकी बोआई किसानों ने की है। बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल भर में अब सोयाबीन की खेती से अब किसानों का मोह भंग हो रहा है।

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उपनिदेशक कृषि ने बताया कि बुंदेलखंड में सोयाबीन की खेती बहुत ही कम रकबे में होती है। किसान अब मोटा मुनाफा देने वाली फसलों में ज्यादा रुचि ले रहा है। इस साल हमीरपुर जिले में सिर्फ सात हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की खेती किसान कर रहे है जबकि महोबा में सबसे ज्यादा दो सौ हेक्टेयर में सोयाबीन की बोआई किसानों ने की है। बांदा में 59 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल की बोआई की गई है वहीं चित्रकूट में पांच हेक्टेयर में ही सोयाबीन की खेती किसान कर रहे है।

हिन्दुस्थान समाचार

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