गंगा में कानपुर से प्रयागराज तक जल पर्यटन की बड़ी योजना तैयार
गंगा के किनारे जल पर्यटन को विकसित करने की एक बड़ी योजना तैयार की गई है। इसके तहत प्रतिवर्ष गंगा वाटर रैली के आयोजन...
गंगा के किनारे जल पर्यटन को विकसित करने की एक बड़ी योजना तैयार की गई है। इसके तहत प्रतिवर्ष गंगा वाटर रैली के आयोजन को भी शामिल किया गया है। कानपुर से प्रयागराज तक इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए सोमवार को मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने एक सर्वे टीम को प्रयागराज के लिए रवाना किया। इस योजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है और नवम्बर के अन्त में बोट क्लब के उद्घाटन पर इसे श्रीगणेश भी किया जा सकता है।
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गंगा में जल पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। सोमवार को मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने कानपुर स्थित गंगा बैराज से सर्वे टीम को प्रयागराज के लिए रवाना किया है। यह टीम परीक्षण करेगी कि कानपुर से प्रयागराज के बीच वाटर बोट से जाने में कितना समय लगेगा, जल परिवहन में कहीं कोई परेशानी तो नहीं है, इसके साथ ही मोबाइल नेटवर्क कहां काम करता है, कहां नहीं। इस दौरान पुलिस का वायरलेस सेट किस स्थान पर काम करना बन्द कर देता है।
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मंडलायुक्त ने नवम्बर के अंत में बोट क्लब के उद्घाटन अवसर पर कानपुर से प्रयागराज तक गंगा वाटर रैली निकालने का निर्णय लिया है। पहली बार रैली में अधिकांश सरकारी तंत्र का उपयोग किया जायेगा। इसके बाद प्रत्येक वर्ष रैली में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
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सूत्रों की माने तो वाटर रैली कानपुर से शुरू होकर उन्नाव,बक्सर, रायबरेली के डलमऊ, प्रतापगढ़ जिले के काला काकर और श्रृंगवेरपुर होते हुए प्रयागराज पहुंचेगी। इन पांच प्रमुख स्थानों पर रैली को रुकने का स्थान बनेगा। पांचों प्रमुख स्थानों पर पौराणिक स्थल भी हैं और गंगा किनारे पर्यटन क्षेत्र विकसित किया जाएगा ताकि प्रत्येक वर्ष रैली में लोगों को इससे जोड़ने की शुरूआत की जाएगी।
रैली को सम्पन्न कराने के लिए कानपुर में जल पुलिस की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई है। इसके साथ ही पीएसी की एक बटालियन का भी कैम्प गंगा बैराज पर तैनात की जाएगी। रैली को कानपुर से प्रयागराज तक पहुंचने में लगभग 12 घंटे का समय लगेगा। इस योजना को मूलरूप देने के लिए मंथन जारी है।
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