बांदा: लेफ्टिनेंट जनरल ने आपदा प्रबंधन में बचाव के, महिलाओं को सिखाए गुर

सभी आपदाओं में आपातकालीन स्थिति में बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए महिलाएं एक दूसरे को संगठित कर बेहतर सहायता प्रदान करती हैं। ऐसे आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए...

बांदा: लेफ्टिनेंट जनरल ने आपदा प्रबंधन में बचाव के, महिलाओं को सिखाए गुर

सभी आपदाओं में आपातकालीन स्थिति में बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए महिलाएं एक दूसरे को संगठित कर बेहतर सहायता प्रदान करती हैं। ऐसे आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 1800 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।यह बात गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लखनऊ के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी में राजा देवी कॉलेज में महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भूमिका के संबंध में आयोजित एकदिवसीय मंडल स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

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कार्यशाला में लेफ्टिनेंट जनरल योग्रेन्द्र डिमरी ने कहा कि उ.प्र. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण दैवीय आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। विभिन्न दैवीय आपदाओं जैसे सर्पदंश, सूखा, अतिवृष्टि, आग लगने, नदी में डूबने, बाढ आदि से जनहानि एवं धनहानि होती है। इन आपदाओं में सबसे अधिक महिलायें, बच्चे व अधिक उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। इन आपदाओं में होने वाली हानि को कम करने व उनके प्रति सतर्क सजग रहने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को जागरूक किये जाने के सम्बन्ध में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कहा कि आपदा प्रबन्धन में बचाव के लिए 1800 स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।

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 उन्होंने कहा कि सभी आपदाओं में आपातकालीन स्थिति में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए महिलायें एक-दूसरे को संगठित कर बेहतर सहायता प्रदान करती हैं। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री उ.प्र. के दिशा निर्देशों में आपदा जोखिम प्रबन्धन में महिलाओं की सहभागिता तथा उन्हें जागरूक करने के लिए कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में विभिन्न आपदाओं से बचाव की जानकारी दी जा रही है। इसका स्वयं सहायता समूह की महिलायें गहनता से समझकर अन्य समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य करेंगी।

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कार्यकम में आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि स्वयं सेवी सहायता समूह बाढ, अग्निकाण्ड, सडक दुर्घटना, नाव दुर्घटना एवं अन्य आपदाओं के सम्बन्ध में बचाव के उपायों को कार्यशाला में समझकर आवश्यकता पड़ने पर इन उपायों का उपयोग करें तथा अन्य लोंगो को भी दैवीय आपदा के समय बचाव के प्रति जागरूक करें।जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूह की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें महिलायें आपदा से बचाव की जानकारी कर लोगों को जागरूक करें। 

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कार्यशाला में मण्डल के विभिन्न जनपदों से आयी महिलाओं से पत्येक जनपद की महिलाओं से आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में प्रश्न पूंछकर पाँच-पाँच सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को सही उत्तर देने पर सम्मानित किया गया। कार्यकम में परियोजना प्रबन्धक उ.प्र. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, लखनऊ डॉ. कनीज फतिमा, अपर जिलाधिकारी  राजेश कुमार, नगर मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारी एवं विद्यालय के प्राचार्य तथा बडी संख्या में स्वयं सहायता समूहों की महिलायें उपस्थित रहीं।

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