बचपन प्ले स्कूल के वार्षिकोत्सव में बच्चों ने कराया भारत दर्शन

शहर के इंटरनेशनल एमिटी स्कूल और बचपन प्ले स्कूल का वार्षिक उत्सव "भारत दर्शन" बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ...

Dec 2, 2024 - 14:23
Dec 2, 2024 - 15:02
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बचपन प्ले स्कूल के वार्षिकोत्सव में बच्चों ने कराया भारत दर्शन

बांदा। शहर के इंटरनेशनल एमिटी स्कूल और बचपन प्ले स्कूल का वार्षिक उत्सव "भारत दर्शन" बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ आनंदम सिटी, बांदा में मनाया गया। इस अवसर पर नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भारतीय संस्कृति की अनूठी झलक पेश की। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का परिचय देते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

बालिकाओं ने भारतीय परिधानों में सजे-संवरे लोक नृत्य प्रस्तुत किए, जो भारतीय परंपरा और विविधता को जीवंत करते नजर आए। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का हौसला बढ़ाया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृष्णा देवी पटेल ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शिक्षा और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के महत्व पर जोर देते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास की सराहना की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक हमीरपुर युवराज सिंह ने कहा, "शिक्षा के साथ सह-पाठयक्रम गतिविधियां बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।" पूर्व विधायक युवराज सिंह ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए इसे बच्चों के लिए प्रेरणादायक बताया। इसके अलावा चेयरमैन मालती बासू, तहसीलदार पुष्पक, और नायब तहसीलदार धनंजय कुमार उपस्थित रहे। इसके साथ ही, ग्लोबस आनंदम सिटी के निदेशक आशीष यादव, और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने वालों में अन्य विद्यालयों के प्रबंधक डॉ. मनीष गुप्ता, अंकित कुशवाहा, श्याम जी निगम, सौरभ यादव, पवनेश यादव, और आलोक त्रिपाठी शामिल थे।  

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। इसके पश्चात, बच्चों ने विभिन्न भारतीय राज्यों के लोक नृत्य, गीत, और नाटक प्रस्तुत किए, जो भारत की विविध संस्कृति और परंपरा को उजागर करते थे। नन्हे कलाकारों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों और अतिथियों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम के समापन पर स्कूल के प्रबंधक विप्रांश यादव ने सभी अतिथियों, अभिभावकों, और विद्यार्थियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों की प्रतिभा को निखारने का एक सशक्त माध्यम हैं।

यह आयोजन न केवल बच्चों के कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि भारतीय संस्कृति को एक नई पीढ़ी के सामने जीवंत रूप से प्रस्तुत करने का एक सफल प्रयास भी रहा।

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