आरटीआई में मांगी गई सूचना का जवाब न देने वाले चित्रकूट मंडल के 76 अधिकारी दंडित

सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई सूचनाओं का समय पर जवाब न देने पर चित्रकूट मंडल में विभिन्न विभागों के 76 अधिकारियों..

आरटीआई में मांगी गई सूचना का जवाब न देने वाले चित्रकूट मंडल के 76 अधिकारी दंडित
आरटीआई में मांगी गई सूचना का जवाब..

सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई सूचनाओं का समय पर जवाब न देने पर चित्रकूट मंडल में विभिन्न विभागों के 76 अधिकारियों को जुर्माना करके दंडित किया गया है। यह बात शनिवार को मवई रोड स्थित सर्किट हाउस में बांदा प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि उप्र राज्य सूचना आयुक्त अजय उत्प्रेती ने कही।

यह भी पढ़ें - बांदा के स्टेशन रोड में पराठा के लिए चले लात घूंसे, वीडियो हुआ वायरल

उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीने में सुनवाई के दौरान मैंने आरटीआई में मांगी गई सूचनाओं का जवाब न देने वाले अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि मेरे पास जब चित्रकूट मंडल के चारों जनपद के मामले आए। उस समय पेंडिंग मामलों की संख्या 932 थी इनमें से 165 का निस्तारण हो चुका है, 767 केस पेंडिंग है। इनमें 76 अधिकारी दंडित किए गए हैं। दंडित किए गए अधिकारियों में बांदा के सर्वाधिक 36 अधिकारी हैं जबकि महोबा के पांच चित्रकूट के 17 और हमीरपुर के 16 अधिकारी शामिल हैं।

आरटीआई में मांगी गई सूचना का जवाब..

उन्होंने बताया कि देशभर में प्रतिदिन लगभग साढ़े चार हजार सूचनाएं मांगी जाती है। देश में लगभग दो लाख 20 हजार सूचनाएं लंबित है। उन्होंने कहा कि फाइलों का निस्तारण करने के लिए निष्पक्ष रुप से मामले की जांच की जाती है। इसके बाद ही इस पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आरटीआई की सूचना मांगने के लिए टिप्स देते हुए बताया कि प्रार्थना पत्र स्वच्छ लिखा होना चाहिए और सवाल स्पष्ट होने चाहिए। सवाल पूछने के 30 दिन के अंदर अगर जवाब नहीं मिलता है तब प्रथम अपील की जाती है।

यह भी पढ़ें - घटना के 38 दिन बाद एसडीआरएफ की टीम गुमशुदा बालक को ढूंढने में जुटी

यदि प्रथम अपील के बाद भी जवाब नहीं मिलता है तब राज्य सूचना आयोग के पास अपील की जाती है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार मामले में अन्य राज्यों की तुलना में यूपी की बेहतर स्थिति है। उनके मुताबिक एक मामले में कम से कम 2 साल का वक्त लगता है जबकि उड़ीसा में 6 साल गोवा में पांच साल, पश्चिम बंगाल में 4 साल का समय लगता है। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय 50000 मामले पेंडिंग है हर माह लगभग 11000 मामले निपटाए जाते हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारिता से संबंधित अनुभव भी पत्रकारों के साथ साझा किया। इसके पहले प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश निगम दद्दा ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना का अधिकारियों द्वारा जवाब न दिए जाने का मामला उठाया।

आरटीआई में मांगी गई सूचना का जवाब..

कार्यक्रम में चित्रकूट, बांदा ,हमीरपुर और महोबा के पत्रकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नगर मजिस्ट्रेट, हमीरपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष पीडी दीक्षित, महोबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष,बुंदेलखंड न्यूज़ के प्रधान संपादक सचिन चतुर्वेदी, दैनिक श्री इंडिया के समाचार संपादक अनिल सिंह आवारा सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन पत्रकार नजरें आलम ने किया।

यह भी पढ़ें - प्रशांत नील ने रवीना टंडन को खास अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई 

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
2
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1