कानपुर में मिले 2866 अति कुपोषित बच्चे
गर्भवती एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। कानपुर नगर में अप्रैल 2023 से अब तक 2866..
गर्भवती एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। कानपुर नगर में अप्रैल 2023 से अब तक 2866 अति कुपोषितबच्चे चिन्हित किये गए। यह जानकारी गुरुवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2023 से चिन्हित किए गए बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुपोषण की खुराक दी गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे बच्चों को खानपान संबंधी सलाह दी। गर्भवती एवं बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर स्तर पर हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी के तहत जून से सितम्बर तक जनपद में संभव अभियान का तीसरा चरण चल रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सुपोषित उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में संभव आईसीडीएस विभाग का एक अनूठा प्रयास है। लाभार्थियों को सहयोगी विभागों जैसे- स्वास्थ्य, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद विभाग की सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुँचाया जा रहा है। बच्चों में कुपोषण की रोकथाम के लिए मातृत्व पोषण के साथ ही छह माह से छोटे बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान रखने के उद्देश्य से “पोषण 500” की थीम के साथ यह अभियान जारी है ।
नवाचार के रूप में संभव अभियान
मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि वर्ष 2021 में संभव अभियान एक नवाचार के रूप में प्रारंभ हुआ था। उसमें विशेष रूप से अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन, उपचार व सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ कुपोषण की रोकथाम के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया गया था। उन्होंने निर्देश दिए कि इस बार संभव अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री बच्चों के साथ पहली तिमाही की गर्भवती का वजन व ऊंचाई मापेंगी। कुपोषित बच्चों व गर्भवती को चिन्हित कर उनकी चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था की जाये। साथ ही इस दौरान पोषण 500 के रूप में गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के प्रथम 6 माह (500 दिन) शिशु के पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से अभियान में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान दी जाए।
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उन्होंने बताया कि इस अभियान को तीन मुख्य मासिक थीम एवं साप्ताहिक थीम के रूप में विभाजित किया गया है। जून माह में गर्भवती और शिशु की जांच की जाएगी, सैम मैम बच्चों का चिन्हांकन किया जाएगा। जुलाई को स्तनपान प्रोत्साहन माह के रूप में मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह स्तनपान से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियां की जाएंगी। अगस्त को ऊपरी आहार माह के रूप में मनाया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह ऊपरी और अर्ध ठोस आहार के बारे में जागरूक किया जाएगा। सितम्बर में सभी पंजीकृत बच्चों का पुनः वजन किया जाएगा व पोषण ट्रेकर व ई- कवच पर अपडेट किया जाएगा। इसके बाद उनके पोषण स्तर के परिवर्तन का आकलन किया जाएगा।
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