आखिर आतिशबाजी में इतना भयानक विस्फोटक क्यों इस्तेमाल किया गया,जांच मे जुटी टीमें
धर्म नगरी चित्रकूट में स्थित सीआईसी परिसर में बुधवार को बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के लिए आतिशबाजी का कार्यक्रम प्रस्तावित था। कार्यक्रम के ...
धर्म नगरी चित्रकूट में स्थित सीआईसी परिसर में बुधवार को बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के लिए आतिशबाजी का कार्यक्रम प्रस्तावित था। कार्यक्रम के पहले ही आतिशबाजी के लिए तैयार किए गए स्टैंड में से एक में भयानक विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में चार स्कूली बच्चों की मौत हो गई। विस्फोट इतना भयानक था की चारों बच्चों के शव के चिथड़े उड़ गए। एक लाश उड़कर छत पर गिरी और किसी का सिर अलग हो गया, तो किसी के हाथ पर इधर-उधर जाकर गिरे। घटनास्थल पर 5 फीट गहरा गड्ढा हो गया। इस भीषण विस्फोट को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, आखिर आतिशबाजी में इतना भयानक विस्फोटक क्यों इस्तेमाल किया गया। गनीमत है कि वहां लगे सभी स्टैंड पर विस्फोट नहीं हुआ अन्यथा विस्फोट के बाद का मंजर भयानक और डरावना होता। विस्फोटक कैसा था इसकी जांच के लिए नमूना भेज दिए गए हैं।
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यूपी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुंदेलखंड के सभी जनपदों में बुंदेलखंड गौरव महोत्सव आयोजित किया। चित्रकूट में कार्यक्रम के अंतिम दिन चित्रकूट इंटर कॉलेज में आतिशबाजी का प्रोग्राम था। इसके लिए कॉलेज परिसर में 22 स्टैंड लगाए गए थे। जिसमें विस्फोटक यानी पटाखे लगाए गए थे। लेकिन यहां सबसे बड़ी सुरक्षा में चूक हुई थी। आतिशबाजी स्थल की न तो बैरीकटिंग की गई थी और न ही अग्निशमन विभाग से एनओसी ली गई थी। जबकि कॉलेज परिसर में चलने वाले महोत्सव को चारों ओर से लोहे की बैरीकटिंग लगाकर सुरक्षित किया गया था। हॉट एयर बैलून कार्यक्रम स्थल और मंच तक पहुंचाने के लिए आम आदमी को जगह-जगह रोका जाता था। उन्हें पूछताछ के बाद ही आगे जाने दिया जाता था, लेकिन जहां विस्फोटक का भारी जखीरा खतरनाक आतिशबाजी स्थल था, वहां पर बैरिकेटिंग नहीं की गई थी। जिससे आसानी से वहां लोग आ जा रहे थे। यही सुरक्षा की बड़ी चूक हुई थी। जिसके कारण घटना में मारे गए बच्चे वहां तक पहुंच गए थे।
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विस्फोटक के बारे में भी बड़े सवाल उठ रहे हैं। आतिशबाजी करने वाले लोगों का कहना है कि पटाखे में बहुत ज्यादा विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया। इसी वजह से इतना भयानक विस्फोट हुआ। विस्फोट के लिए जो 22 स्टैंड बनाए गए थे, इनमें पटाखे फिट थे। इलेक्ट्रिक सिस्टम से अटैच पटाखे की लाइन बैटरी से भी जुड़ी थी। उस दिन बारिश भी हुई थी। जिसके कारण जमीन में नमी थी। कहां जा रहा है कि आतिशबाजी के पास एक हैंडपंप भी लगा था। इसके पानी के कारण आसपास कुछ ज्यादा नमी थी। संभवतः बच्चों ने पटाखों से जुड़ी इलेक्ट्रिक लाइन को छू लिया या फिर नमी के कारण शार्ट सर्किट से विस्फोट हुआ, जिसके कारण यह भयानक हादसा हुआ।
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इस भयानक हादसे को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जिसके आधार पर गुरुवार को प्रयागराज और आगरा के बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर पटाखे की जांच पड़ताल की। साथ ही विस्फोट स्थल का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। बम विरोध निरोधक दस्ते व फोरेंसिक टीम के 12 सदस्यों ने जांच पड़ताल के बाद यह पता लगाने की कोशिश की है कि विस्फोट में कौन सा केमिकल था, कैसा व कितना खतरनाक विस्फोटक था। इसका कारण क्या रहा, किन परिस्थितियों में घटना हुई। इन टीमों ने करीब 2 घंटे तक मौके में जांच पड़ताल कर नमूने व साक्ष्य जुटाए हैं। टीम के सदस्यों का यह भी कहना है कि जरूरत के हिसाब से आगे भी जांच की जाएगी। घटनास्थल से एकत्र किए गए नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं। प्रथम दृष्टया यही पता चला है कि इलेक्ट्रिक सिस्टम से अटैच पटाखों से बैटरी की लाइन भी जुड़ी थी।
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इस बारे में चित्रकूट मंडल के डीआईजी अजय कुमार सिंह का कहना है कि जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन परिस्थितियों में घटना हुई। जांच टीम के सदस्यों से यह भी कहा गया है कि इस बारे में जल्द से जल्द रिपोर्ट दें। जिससे कोई भी दोषी बचने न पाए। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सदर कोतवाली में आतिशबाजी कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। साथ ही कंपनी के लोगों से इस बारे में पूछताछ भी की जा रही है।