भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो ) की पहली ग्रामीण स्पेस लैब बुन्देलखण्ड के इस जिले में

प्रदेश के बच्चे अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करेंगे। पहली ग्रामीण अंतरिक्ष प्रयोगशाला (स्पेस लैब)...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो ) की पहली ग्रामीण स्पेस लैब बुन्देलखण्ड के इस जिले में

जालौन, प्रदेश के बच्चे अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करेंगे। पहली ग्रामीण अंतरिक्ष प्रयोगशाला (स्पेस लैब) बुन्देलखण्ड के जालौन जिले में एमएल कॉन्वेंट स्कूल में स्थापित की जाएगी। इसके लिए 10 अप्रैल 2023 को मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिंग हस्ताक्षर समारोह सम्पन्न हुआ। 24 अप्रैल 2023 को यह लैब स्थापित हो जाएगी इसके बाद पूरे देश से कोई भी छात्र प्रवेश ले सकेंगे । 

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भारत की पहली ग्रामीण अंतरक्षिक लैब जिसमे 7 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चो को प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त होगा । अब प्रदेश के अन्य प्रांतों के भी छात्र अपनी जिज्ञासा के अनुरूप विभिन्न तकनीकियों तथा अंतरक्षिक विज्ञान के ज्ञान को स्वंय निखार पाएंगे।यह लैब सरकारी व गैर सरकारी स्कूल के छात्रों अंतरक्षिक विज्ञान में उज्ज्वल भविष्य पथ दर्शक बनेगी। नीति आयोग के मिशन के तहत प्रदेश में प्रथम अंतरिक्ष प्रयोगशाला जो स्कूल तथा इसरो के वैज्ञानिकों के सरंक्षण अग्रसित की जाएगी।

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प्रयोगशाला में विभिन्न तकनीकियों जैसे  रॉबोटिक्स , ड्रोन उड़ना , सेटेलाइट प्रशिक्षण , ट्रेनिंग एयर क्राफ्ट का प्रशिक्षण तथा टेली स्कोप प्रशिक्षण स्कूल में निर्मित इसरो की प्रयोगशाला में दिया जायेगा। अब छात्र अंतरिक्ष के सागर में गोते लगा सकेंगे। इस लैब के अन्तर्गत खगोलीय घटनाओ (ग्रहण ,उपग्रह की चाल , ग्रहों की स्थति ) का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण कर सकेंगे। छात्रों को इसरो के प्रशिक्षणों के साथ शामिल होने का मौका प्राप्त होगा।  

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