बुंदेलखंड में गेहूं की उत्पादन क्षमता दोगुनी करने के लिए उन्नत प्रजातियों का बीज वितरण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी और भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान...

बुंदेलखंड में गेहूं की उत्पादन क्षमता दोगुनी करने के लिए उन्नत प्रजातियों का बीज वितरण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी और भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल और केंद्रीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के द्वारा अनुसूचित जाति अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन उपयोजना में गेहूं की उच्च पैदावार वाली प्रजातियों का बीज रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी को दिया गया। इस बीज को कुलपति डॉक्टर ए0 के0 सिंह के निर्देशन में एवं प्रसार शिक्षा डॉ एसएस सिंह के मार्गदर्शन में विभिन्न जगह वितरण किया जा रहा है।

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इस बीच के वितरण के लिए अनुसूचित जाति के किसानों का चयन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक दल ने किया। इसमें ग्राम इमलिया, ब्लाक बार जिला ललितपुर एवं ग्राम परवई, दतिया जिला के ग्राम कटीली, बनवास के किसानों को गेहूं की उच्च प्रजाति एचआई 1605,एचआई 1634, डीबीडब्ल्यू 187 और के 1317 बीज वितरित किए गए। बीज वितरण के दौरान किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने सुझाव दिए।

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डॉ.गुंजन गुलेरिया ने गेहूं के उन्नत बीजों को सीडड्रिल से पंक्ति में बुआई करने पर जोर दिया। डॉ. सन्दीप उपाध्याय ने गेहूं के लिए भूमि की तैयारी और पहली खुराक की खाद के बारे में विस्तार से बताया। डॉ.अनिल कुमार राय ने उन्नत गेहूं की बुवाई कैसे करें? वैज्ञानिक विधि पर जोर दिया।

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हिस

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