बांदा के कृषि विश्वविद्यालय में लगेगा 7 राज्यों का क्षेत्रीय किसान मेला
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में उत्तरी क्षेत्र..
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में उत्तरी क्षेत्र (उप्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व दिल्ली) के क्षेत्रीय किसान मेला आयोजित करने के लिए बांदा कृषि विश्वविद्यालय का चयन किया गया है।
इस किसान मेले का थीम उन्नत कृषि-आत्म निर्भर भारत रखा गया हैैै। किसान मेले का आयोजन फरवरी 20 से 22, तक प्रस्तावित है। इसमें सभी सात प्रदेशों के किसान, कृषि उद्यमी, सभी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कृषि शोध संस्थाओं, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रो, निवेश वितरकों एवं संबंधित संस्थाओं व कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की सहभागिता रहेगी।
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कुलपति डॉ यू एस गौतम ने बताया ने बताया की तीन दिवसीय किसान मेला में लगभग 10000-12000 कृषकों की सहभागिता संभावित है। मेले में 04 तकनीकी सत्रों के माध्यम से नवीनतम कृषि आयामों पर कृषक समुदाय को जानकारी दी जायेगी।
एक वृहद कृषि प्रदर्शनी का भी आयोजन सुनिश्चित है, जिसमें लगभग 100-150 स्टालों पर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय शोध संस्थाओं, कृषि विश्वविद्यालयों, शासकीय विभागों, निवेश उत्पादको व विपणन संस्थाओं, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों व कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रानुकूल तकनीकियों, निवेश, बैंकिंग, कृषि उत्पादों, नवीनतम कृषि मशीनों आदि की जानकारी प्रदर्शित होगी। इसके अलावा फसल, फल, फूल, सब्जी व पशु प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। जिसमें सभी विजेताओं को सम्मानित किया जायेगा।
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विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यूएस गौतम ने बताया कि औद्यानिकी द्वारा कृषि म विविधीकरण, दीर्घोपयोगी कृषि खाद्य प्रस्ंास्करण और मूल्य संर्वधन, नवोन्मेशी, तकनीकों के द्वारा फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, उद्यमिता एवं कौशल विकास द्वारा कृषि आधारित, स्वरोजगार का सृजन, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए जैविक खेती व एकीकृत फसल प्रणाली, कृषि यंत्रीकरण का प्रभावी अनुप्रयोग, अतिरिक्त आय सृजन के लिए कृषि सहयोगी व्यावसायिक गतिविधियां मेले की मुख्य विषय वस्तु होंगी।
मेले के आयोजक सचिव एवं सह-निदेशक प्रसार डा. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि मेले को सफल बनाने के लिए कृषि एवं कृषि के क्षेत्र से जुड़े हुए विभिन्न संस्थानो, उद्योग घरानो, स्वयंसेवी संस्थाओ तथा प्रगतीशील कृषकों से तकनीकी प्रसार के लिये अपने स्टाल लगाने के लिए संपर्क किया जा रहा है।
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