मॉकड्रिल में दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन से यात्रियों को निकाला सुरक्षित
कोरोना संक्रमण काल में भले ही पुराने दिनों की भांति ट्रेनों का संचालन न हो पा रहा हो..
कानपुर,
उच्च स्तरीय यांत्रिक उपकरणों से कोच के आयरन पिलर एवं पैनल को काटकर बनाया गया अंदर घुसने का रास्ता
कोरोना संक्रमण काल में भले ही पुराने दिनों की भांति ट्रेनों का संचालन न हो पा रहा हो, लेकिन सुरक्षा को लेकर रेलवे बेहद गंभीर है।
इसको लेकर कानपुर में बुधवार को एक मॉकड्रिल किया गया, जिसमें दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के कोचों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। इसके साथ ही घायल यात्रियों को तत्कालिक इलाज कर अस्पताल पहुंचाया गया।
इस मॉकड्रिल से रेलवे के अधिकारियों ने संतोष जताया और उम्मीद की कि रेल दुर्घटना में मॉकड्रिल की टीम बेहतर कार्य करेगी।
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लोको शेड कानपुर में रेल दुर्घटना के दौरान कोचों में फंसे हुए यात्रियों को कोच काटकर बाहर निकालने की मॉकड्रिल का आयोजन किया गया।
इस मॉकड्रिल के दौरान दुर्घटना राहत गाड़ी (एआरटी) इंचार्ज राकेश कुमार विश्वकर्मा, मेडिकल यान (एआरएमई) इंचार्ज दीपक कुमार सिंह और उनकी पूरी टीम तथा लोको शेड इंचार्ज इरशाद आलम मौजूद थे।
मॉक ड्रिल का संयोजन वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी विकास कुमार चौरसिया के टेलीफोनिक नेतृत्व में किया गया।
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साथ ही संरक्षा सलाहकार अनुराग गुप्ता और आर बी सिंह भी मॉक ड्रिल स्थल पर मौजूद थे। मॉक ड्रिल में दुर्घटना राहत मेडिकल वैन में मौजूद उच्च स्तरीय यांत्रिक उपकरणों की सहायता से कोच के आयरन पिलर एवं पैनल को काटकर कोच के अंदर घुसने का रास्ता बनाया गया और
उस रास्ते से कोच के अंदर फंसे यात्रियों को स्ट्रेचर में लिटाकर बाहर निकाला गया। मॉकड्रिल निर्धारित समय में पूरी हुई।
पिलर को काटने और कोच के अंदर घुसने का रास्ता बनाने में 6 मिनट, रेस्क्यू टीम को कोच के अंदर घुसने में 2 मिनट तथा फंसे हुए यात्री को बाहर निकालने में 4 मिनट का समय लगा।जिसमें कि मॉकड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
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हि.स