केदार सम्मान विमल कुमार को और रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी को मिला

केदार की रचना भूमि बांदा में केदार स्मृति न्यास द्वारा दिए जाने वाले महत्वपूर्ण पुरस्कारों का आयोजन एक होटल के सभागार में संपन्न हुआ..

Oct 4, 2021 - 08:13
Oct 4, 2021 - 08:14
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केदार सम्मान विमल कुमार को और रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी को मिला
केदार सम्मान (Kedar Award)

केदार की रचना भूमि बांदा में केदार स्मृति न्यास द्वारा दिए जाने वाले महत्वपूर्ण पुरस्कारों का आयोजन एक होटल के सभागार में संपन्न हुआ। जिसमें हिंदी के वरिष्ठ कवि विमल कुमार को वर्ष 2021 का केदार सम्मान दिया गया।

इसके साथ ही आलोचना की परंपरा को समृद्ध करने वाले महत्वपूर्ण आलोचक बजरंग बिहारी तिवारी को रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान से सम्मानित किया गया। यह पहली बार हुआ है जब इन दो सम्मानों के साथ ‘महेश अंजुम स्मृति युवा कविता सम्मान’ हिंदी के युवा कवि अरुणाभ सौरभ को प्रदान किया गया ।

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इस अवसर पर  कवि और भारतीय  प्रशानिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राकेश मिश्र (लखनऊ),भारतीय रेल सेवा से जुड़े महत्वपूर्ण कवि यतीश कुमार(कोलकाता) की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस मौके पर दिल्ली, कोलकाता, लखनउ, भोपाल, पटना, जबलपुर, इलाहाबाद,बनारस सहित देश के विभिन्न हिस्सों से लेखक उपस्थित रहे । 

कार्यक्रम की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में ‘केदार होने के निहितार्थ’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें दिल्ली से आए कवि और आजकल पत्रिका के संपादक राकेश रेणु,वरिष्ठ कवि और जनसंदेश टाइम्स लखनउ के वरिष्ठ संपादक सुभाष राय और युवा आलोचक डा नीरज मिश्र ने विचार रखे ।

इस अवसर पर डा. सबीहा रहमानी के कहानी संग्रह  ‘काकी का कुनबा’, नीरज मिश्रा द्वारा संपादित पुस्तक ‘बावले कवि की सौदागरी’ कामरेड डा.रामचंद्र  सरस के उपन्यास ‘कमालपुर की रागिनी’ का विमोचन साहित्यकारों द्वारा किया गया ।

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सम्मान सत्र की अध्यक्षता कर रहे जाने-माने आलोचक प्रोफेसर गोपेश्वर सिंह ने केदार सम्मान की महत्ता और उसकी जिम्मेदारियों को याद दिलाते हुए हिंदी कविता में केदारनाथ अग्रवाल के योगदान को रेखांकित किया। आलोचक बजरंग बिहारी तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि पुरस्कार लेखकीय जिम्मेदारियों को बढ़ाते हैं और इससे लेखन को एक नई ऊर्जा मिलती है । 

तीन सत्रों में बंटे इस समारोह के पहले सत्र का संचालन  संचालन सुधा त्रिपाठी,दूसरे सत्र का संचालन शशिभूषण मिश्र और तीसरे सत्र(कविता पाठ)का संचालन डा.अंकिता तिवारी ने किया । इस अवसर पर न्यास की वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा शबाना रफीक,शिवफल सिंह,बाबूलाल गुप्ता,श्रद्धा निगम, डा दीपाली गुप्ता,राजकुमार राज, फजलुद्दीन रहमानी,अमित सेठ, प्रेम सिंह,आनंद लाल,गौरव पांडेय,जयप्रकाश सिंह,छाया सिंह,प्रकाश साहू,संजय निगम,अरुण निगम सहित बांदा के कई साहित्य प्रेमी मौजूद रहे ।

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