बाँदा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बुन्देलखण्ड के लिये समेकित जल प्रबन्धन योजना की सौगात

भारत एवं राज्य सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष के पानी का समुचित एवं बहु उद्देशीय उपयोग के लिये समेकित जल प्रबन्धन..

बाँदा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बुन्देलखण्ड के लिये समेकित जल प्रबन्धन योजना की सौगात
बाँदा कृषि विश्वविद्यालय

भारत एवं राज्य सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष के पानी का समुचित एवं बहु उद्देशीय उपयोग के लिये समेकित जल प्रबन्धन प्रणाली विकसित करने को बाँदा कृषि विश्वविद्यालय को एक परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है।यह परियोजना निश्चित रूप से पूरे बुन्देलखण्ड एवं आसपास के क्षेत्रों के लिये सौगात है।

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कुलपति डा. यू.एस. गौतम ने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्र जहाँ सूखा, अधिक वषार्, मिट्टी का कटाव, जल जमाव, भूमिगत जल की कम उपलब्धता एवं उचित सिचाँई प्रणाली का अभाव एक प्रमुख समस्या है। इस परियोजना का महत्व इस क्षेत्र में और भी बढ गया है। डा. गौतम ने परियोजना के मुख्य अन्वेषक ई. संजय एवं उनकी टीम को बधाई देते हुये जिम्मेदारी से काम करने के लिये प्रेरित किया।

परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं सहायक प्राध्यापक ई. संजय कुमार ने बताया कि इस परियोजना द्वारा क्षेत्र के किसानों, कृषि सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों, एनजीओ एवं विकास से जुडी़ अन्य संस्थाओं के सदस्यों को सतही एवं भूमिगत जल प्रबन्धन से जुडी़ नई तकनीकों के प्रशिक्षण के साथ साथ सिंचाई के नवीनतम विधियों का प्रदर्शन भी किया जायेगा।

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उन्होने बताया कि यह माॅडल बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अलावा राज्य एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों जहाँ जल की कमी है ऐसे क्षेत्र के लिये उपयोगी एवं उदाहरण बनेगा साथ ही नीति निर्धारकों  के लिये देश एवं राज्य के दूसरे क्षेत्र में माॅडल स्थापित करने हेतु दिशा निर्देश का कार्य करेगा। रोजगार के अवसर एवं प्रवासी स्थानान्तरण को भी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

ई. संजय ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना द्वारा वित्तपोषित होगी। इस परियोजना में कुल लगभग 3.48 करोड़ स्वीकृत होने का अनुमान है। ई. संजय ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से मृदा एवं उसके जल धारण क्षमता तथा जल निकास पर विस्तृत अध्ययन किया जायेगा।

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