एलएचबी कोच से लैस होकर लखनऊ के रास्ते चलेगी पद्मावत एक्सप्रेस
रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए 14208 दिल्ली-प्रतापगढ़ पद्मावत एक्सप्रेस को आधुनिक एलएचबी (लिंके हॉफमैन) कोच..
रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए 14208 दिल्ली-प्रतापगढ़ पद्मावत एक्सप्रेस को आधुनिक एलएचबी (लिंके हॉफमैन) कोच से लैस करके गुरुवार से चलाने जा रहा है। यह ट्रेन आज रात 07:50 बजे दिल्ली से चलकर दूसरे दिन सुबह 04:50 बजे लखनऊ होकर प्रतापगढ़ जंक्शन पर 08:20 बजे पहुंचेगी।
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रेलवे प्रशासन के मुताबिक, 14208 दिल्ली-प्रतापगढ़ पद्मावत एक्सप्रेस को एलएचबी कोच से लैस करके गुरुवार को चलाया जाएगा। यह ट्रेन गुरुवार रात 07:50 बजे दिल्ली से चलकर दूसरे दिन सुबह 04:50 बजे लखनऊ होकर प्रतापगढ़ जंक्शन पर 08:20 बजे पहुंचेगी। इसी तरह से वापसी में 14207 प्रतापगढ़-दिल्ली पद्मावत एक्सप्रेस में 17 दिसम्बर से आधुनिक एलएचबी कोच लगाए जाएंगे।
यह ट्रेन एलएचबी कोच से लैस होकर प्रतापगढ़ जंक्शन से शाम 05 बजे चलकर लखनऊ से रात 09:55 बजे होते हुए दूसरे दिन दिल्ली सुबह 06:25 बजे पहुंचेगी। रेलवे बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) को परंपरागत बोगियों की जगह एलएचबी रैक की फीडिंग के आदेश दे दिए हैं। प्रतापगढ़-दिल्ली पद्मावत एक्सप्रेस में 17 दिसम्बर से एलएचबी बोगियों के लगने से सीटों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे यात्रियों को वेटिंग से राहत मिलेगी।
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- एलएचबी कोच पुराने आईसीएफ कोच की तुलना में होते हैं लम्बे
एलएचबी कोच पारंपरिक आईसीएफ कोच की तुलना में 1.5 मीटर लम्बे होते हैं। इसकी वजह से यात्री वहन क्षमता में वृद्धि हो जाती है। एलएचबी रैक वाली ट्रेन 160 किमी प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकती है। एलएचबी कोचों में सीटों की क्षमता 10 प्रतिशत अधिक रहती है।
एसी सेकेंड में 52 सीट, एसी थर्ड में 72 और स्लीपर क्लास में 80 सीटें होती हैं जबकि आईसीएफ कोच में 72 सीटें ही होती हैं। एलएचबी बोगियों की टेलिस्कोपिक डिजाइन हादसे के समय बोगियों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने से बचाती हैं। इसकी एडवांस डिस्क ब्रेक सिस्टम तेज रफ्तार में भी ट्रेन को नियंत्रित करती है। पारंपरिक बोगियों वाली ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है।
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- एलएचबी कोच होते हैं अधिक सुरक्षित और आरामदायक
रेलवे प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर कराने के लिए पारंपरिक कोचों की जगह अब एलएचबी कोच चरणबद्ध तरीके से लगा रहा है। एलएचबी कोच से लैस होने पर ट्रेन में दुर्घटना की संभावना कम होती है।
दुर्घटना होने के समय कोच एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते हैं। इससे जानमाल का नुकसान कम होता है। इसके साथ ही एलएचबी कोचों से लैस होने पर ट्रेन में झटके कम लगते हैं और रफ्तार भी बढ़ जाती है।
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हि.स