हमीरपुर जिला अस्पताल में इस वजह से दो डाॅक्टरों ने छोड़ दी नौकरी

पिछले कई हफ्ते से जहां डेंगू और वायरल फीवर का कहर आम लोगों पर...

हमीरपुर जिला अस्पताल में इस वजह से दो डाॅक्टरों ने छोड़ दी नौकरी

हमीरपुर। पिछले कई हफ्ते से जहां डेंगू और वायरल फीवर का कहर आम लोगों पर बरप रहा है। वहीं, आए दिन अस्पताल में हंगामा और बदतमीजी से परेशान होकर दो डाॅक्टरों ने नौकरी ही छोड़ दी है। डाॅक्टरों के इस्तीफा देने से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को तगड़ा झटका लगा है।

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शहर के जिला अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में आए दिन डाॅक्टरों और मरीजों के तीमारदारों में झड़पें होती हैं। हाल में ही गौरादेवी नई बस्ती के सभासद राजेश सिंह उर्फ लाला ठाकुर की जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में ईएमओ डाॅ.महेन्द्र सिंह से किसी बात को लेकर झड़प हुई थी, जिससे वार्ड में हंगामा खड़ा हो गया था। डाॅक्टर से धक्कामुक्की कर उनके साथ अभद्रता भी की गई थी। इस घटना के बाद अस्पताल का पूरा स्टाफ लामबंद हो गया था।

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घटना की तहरीर पर सभासद और आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में सदर कोतवाली में मुकदमा लिखा गया था। सभासद ने आरोप लगाया था कि यह अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन गया है। यहां गरीब मरीजों का इलाज नहीं होता है। इसी तरह से अस्पताल में जालौन जिले के कदौरा थाना क्षेत्र के हरचंदपुर गांव निवासी अरविन्द कुमार के 14 माह के बच्चे की भी यहां इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत हो गई थी। परिजनों ने डाॅक्टर पर कई घंटे तक बच्चे को न देखने के आरोप लगाए थे।

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जिला अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डाॅ.एसपी गुप्ता ने बताया कि डाॅ.पंकज उमराव व डाॅ.धीरज कुमार सोनकर ने इस्तीफा दे दिया है। बताया कि डाॅ.धीरज अब कानपुर में कहीं और सेवाएं दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 12 डाॅक्टरों के पद खाली हैं। इसके बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। रिक्त पदों पर डाॅक्टरों की तैनाती के लिए शासन को पत्र भेजे जा चुके हैं। इधर, हमीरपुर सदर के अलावा जिले में ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों में 119 डाॅक्टरों के सापेक्ष सिर्फ पचास डाॅक्टर ही तैनात हैं। कहीं फार्मेसिस्ट के सहारे अस्पताल चल रहे हैं। इस बीच डेंगू और वायरल फीवर के मामले लगातार बढ़ने से डॉक्टर परेशान हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार

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