डा. शशांक अग्रवाल ने आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए बताये उपाय

जिले में तेजी से आंखों का संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में जिले के प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. शशांक अग्रवाल की सलाह है कि संक्रमण के लक्षण...

डा. शशांक अग्रवाल ने आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए बताये उपाय

जिले में तेजी से आंखों का संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में जिले के प्रतिष्ठित चिकित्सक डा. शशांक अग्रवाल की सलाह है कि संक्रमण के लक्षण दिखाई पड़ते ही तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। संक्रमित बच्चे और बड़े सभी काला चश्मा पहनें। बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं निजी चिकित्सालयों द्वारा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तमाम तरह की व्यवस्था कर रही है,लेकिन जागरूकता से ही इस घातक संक्रामक बीमारी को मात दिया जा सकता है।

इन दिनों आंखों का संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस) बहुत तेजी से फैल रहा है। इससे खुद को बचाने और लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सावधानी और सतर्क रहने की जरूरत है। यह अपील चित्रकूट जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डा. शशांक अग्रवाल ने आम जनमानस से की है।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस वजह से संक्रमित होने वाले बच्चे या बड़े सभी को भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए। लक्षण दिखाई पड़ते ही तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अपने आप को आईसोलेट कर लें।
डा. अग्रवाल ने कहा कि अपनी इस्तेमाल की गई चीजों को किसी दूसरे को ना दें। इसके साथ-साथ अन्य कई सावधानियां बरतने की जरूरत है। तभी इसे फैलने से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चे पूरी तरह से ठीक होने तक स्कूल से छुट्टी ले लें। संक्रमित बच्चे और बड़े सभी काला चश्मा पहने रहें। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तमाम तरह की व्यवस्था कर रही है लेकिन जागरूकता से ही मात दिया जा सकेगा।

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संक्रामक बीमारी के लक्षण
कंजक्टिवाइटिस आंखों का एक संक्रमण है। जिसे आमतौर पर पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस जनित संक्रामक रोग है। प्रमुख रूप से आंखों का लाल होना, जलन, खुजली और आंख से लगातार आंसू निकलना, साफ या पीला स्राव बहना, पलकें आपस में चिपक जाना, पलक में सूजन होना आदि प्रमुख लक्षण है।

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कंजंक्टिवाइटिस के ठीक होने में लगता है छह सप्ताह
सामान्य रूप से कंजक्टिवाइटिस के ठीक होने एक से छह सप्ताह का वक्त लगता है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। जिसमें अपनी आंखों को छूने या पोंछने से परहेज करें। हाथ धोने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को छुएं।

ऐसे फैलता है संक्रमण
आंखों से निकलने वाला आंसू से संक्रमण होता है। वहीं, किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने और फिर अपनी आंखों को छूने से लोगों में संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दी व खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है।

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