यूपी में ब्लैक लिस्टिड भोपाल की दो फर्मों को 28 करोड़ के घाटे में केन नदी की बालू खनन का डेका

छतरपुर जिले में केन नदी से बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन किया जाता है। पिछली बार 76 करोड़ में रेत उत्खनन का ठेका दिया गया था..

यूपी में ब्लैक लिस्टिड भोपाल की दो फर्मों को 28 करोड़ के घाटे में केन नदी की बालू खनन का डेका
फाइल फोटो

छतरपुर जिले में केन नदी से बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन किया जाता है। पिछली बार 76 करोड़ में रेत उत्खनन का ठेका दिया गया था। इस बार 28 करोड़ के घाटे में एक ही मालिक की दो अलग-अलग फर्मों के नाम पर दो भागों में केन नदी सहित जिले की अन्य नदियों से रेत उत्खनन का ठेका दिया गया है।

रेत के खेल में नीचे से ऊपर तक बड़े तरीके से चमकीली रेत का काला कारोबार चलाया जाता है। नीचले स्तर पर निर्धारित क्षेत्र से बाहर तक, बड़ी-बड़ी मशीनों से वैध की आड़ में अवैध तरीके से रेत का उत्खनन किया जाता है और ऊपरी स्तर पर एक ही मालिक की दो फर्माे के नाम पर गत वर्ष की तुलना में 28 करोड़ के घाटे में 48 करोड़ में ठेका दे दिया गया, ये दोनों फर्में भोपाल की हैं। 

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बताया गया है कि जिले की दो समूह की 48 रेत खदानें यूफोरिया माइंस एण्ड मिनरल्स भोपाल को दे दी गईं हैं। सूत्रों की माने तो यूपी के लड़ाकापुरवा में यही कंपनी मुरम की खदान चलाकर ब्लैक लिस्टिड हो चुकी है। जानकारी के अनुसार जो खदानें इस कंपनी को सोंपी हैं उनमें गौरीहार क्षेत्र समूह 1 में रेत खदान रामपुर, पड़वार, मवईघाट, बरूआ, परेई, रेवना, पड़वार, मवई घाट-2, परेई-2, रामपुरघाट, कंदेला, बारबंद, गोयरा, बारीखेड़ा, महयाबा, अजीतपुर, फत्तेपुर, नेहरा, बारबंद 2-3-4 मिल हैं।

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इसी तरह इसी मालिक की दूसरी फर्म पुष्पा इंटरप्राइजेज को समूह दो में चंदला, राजनगर, नौगांव, बड़ामलहरा, बिजावर, लवकुशनगर और छतरपुर की 25 खदानों सहित चंदला की लसगरहा, बंजारी, हर्रई, सूरजपुर, साड़कर, हिनौता, बघारी की खदानों से रेत उत्खनन का ठेका दिया गया है।

छतरपुर जिले की रेत खदानों का पिछली बार ठेका 76 करोड़ में आनंदेश्वर कम्पनी के पास था। अब यह 48 करोड़ में भोपाल की दो फर्माे के नाम पर दो पार्ट में हो गया है। यानी सरकार को आगामी दो वर्षों में कम से कम 56 करोड़ की रॉयल्टी का नुकसान होना तय है। नाम उजागर न करने की शर्त पर खनिज विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

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