बाँदा : पहाड़ की गुफा में महर्षि बामदेव द्वारा स्थापित शिवालय में उमड़ी भीड़
भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को महर्षि बामदेव द्वारा पहाड़ की गुफाओं में स्थापित बाम देवेश्वर मंदिर में शिव भक्तों..
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भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को महर्षि बामदेव द्वारा पहाड़ की गुफाओं में स्थापित बाम देवेश्वर मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वही कालिंजर के नीलकंठेश्वर मंदिर, अतर्रा के गौरा बाबाधाम व खपटिहा कला के कालेश्वर नाथ मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों में शिव भक्तों ने जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।
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शिव आराधना का पवित्र श्रावण माह रविवार से शुरू हो गया है। इसके बाद आज पहला सोमवार था। ऐसे में शहर के शिवालयों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ना सोमवार से प्रातः काल से ही शुरू हो गया। सुबह से ही शहर के मंदिरों में हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं की भीड़ अपने आराध्य भगवान शिव के दर्शन व पूजा अर्चना के लिए पहुंचने लगी।
कोरोना का खतरा बना हुआ है, लेकिन श्रद्धा के आगे कोरोना का डर लोगों में देखने को नहीं मिला। बामदेवेश्वर मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना व अभिषेक किया। बामदेवेश्वर मंदिर शहर के मोहल्ला कैलाशपुरी में पर्वत पर स्थित है। यहां भगवान भोलेनाथ गुफा के अंदर विराजमान है।
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सावन मास में शहर व आसपास के श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं। बाम देवेश्वर मंदिर के प्रबंधक आशुतोष दीक्षित ने बताया कि बामदेवेश्वर मंदिर में महर्षि बामदेव द्वारा शिवलिंग स्थापित किया गया था। शिवलिंग के साथ नादिया नहीं है।
भगवान नीलकंठ का मंदिर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती कालिजर में ऊंचे पर्वत पर स्थित है। यहां भी दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन पहुंचे। मंदिर के पुजारी ठा.गोपाल सिंह ने बताया कि यहां सुबह छह बजे से भगवान के दर्शन व पूजन को श्रद्धालु पहुंचने लगे थे।
यह सिलसिला शाम 6 बजे तक चलेगा। इसी तरह करीब साढ़े तीन सौ साल पुराने गौराबाबाधाम अतर्रा में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। पुजारी पुरुषोत्तम दास ने बताया कि यहां प्रोटोकाल का पूरा पालन हो रहा है।
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