चित्रकूट : सौन्दर्यीकरण की बाट जोह रहा मां आनंदी धाम मंदिर
क्षेत्र के समादृत देवी स्थल के रूप में प्रसिद्ध मां आनंदी माता मंदिर झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग...
मऊ (चित्रकूट)। क्षेत्र के समादृत देवी स्थल के रूप में प्रसिद्ध मां आनंदी माता मंदिर झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित है। लोक आस्था में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में भी क्षेत्र में यह मंदिर प्रसिद्ध है। दूरदराज से लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर गाजेबाजे के साथ मां के धाम में हाजिरी लगाने आते हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा साल भर भंडारा एवं भजन कीर्तन आयोजित कराया जाता है।
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ऐतिहासिक महत्व रखता है यह स्थल
मऊ। क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि मां आनंदी धाम मंदिर का परिसर पहले खुला था। मंदिर का निर्माण बाद में हुआ है। क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष के समय इसी परिसर में एक नीम का पेड़ हुआ करता था। उस पेड़ पर अंग्रेजों ने आजादी के मतवालों को फांसी दी थी। कालांतर में पेड़ गिर गया और समय के कालचक्र में वह निशान भी मिट गया। अब निशान के साथ साथ यादें भी धूमिल हो चुकीं हैं।
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सुख-दुःख में याद करते हैं क्षेत्रवासी
मऊ। मंदिर में स्थापित मऊ की महारानी मां आनंदी लोक जीवन की आस्था में पूरी तरह से समादृत स्थान रखती हैं। लोग अपने सुख दुःख में मां आनंदी माता को ही याद करते हैं। स्थानीय लोग प्राचीन मूर्ति के संबंध में सैकड़ों वर्ष पुरानी एक किवदंती भी बताते हैं कि मंदिर परिसर के पीछे स्थित तालाब के उत्खनन में मूर्ति मिली थी। जिसे लोगों ने विधिविधान से स्थापित कर पूजा अर्चना प्रारंभ कर दिया। लोगों की आस्था और विश्वास ने मंदिर के निर्माण एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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सौंदर्यीकरण की है महती आवश्यकता
मऊ। क्षेत्र के जनसेवक विष्णु देव त्रिपाठी का कहना है कि मंदिर का स्थान क्षेत्र में प्रमुख है। मंदिर में आसपास के दर्जनों गांवों से श्रद्धालु आते हैं। इसलिए मंदिर केे सौंदर्यीकरण की महती आवश्यकता है।