प्रकृति के संरक्षण संवर्धन में बच्चों को आगे आना होगा - रामबाबू तिवारी

जनपद के अधांव गाँव मे जीआईजेड, हेस्को, अमय, मंगल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में चलाई जा रही चार दिवसीय...

प्रकृति के संरक्षण संवर्धन में बच्चों को आगे आना होगा - रामबाबू तिवारी

बांदा जनपद के अधांव गाँव मे जीआईजेड, हेस्को, अमय, मंगल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में चलाई जा रही चार दिवसीय प्रकृति की पाठशाला के में कार्यक्रम संयोजक वाटर हीरो रामबाबू तिवारी ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण संवर्धन, गांव को हरा भरा रहने हेतु अब बच्चो को आगे आना होगा। गांव में समृद्धि लाने हेतु अपने पुरखों के नाम में उनकी याद में एक एक पौधे लगाकर तैयार करना होगा। इस वर्ष हम सभी भयंकर गर्मी से सामना कर रहे है, इस गर्मी से निजात सिर्फ वृक्ष ही दिला सकते हैं। वृक्ष हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है वृक्ष सिर्फ गर्मी से निजात ही नहीं हमारे परिवार की आमदनी भी बढ़ाते है। बच्चे देश के भविष्य होते है अगर ये बच्चे प्रकृति पर्यावरण के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे तो निश्चित रूप से हमारा देश प्राकृतिक रूप से संपन्न होगा। और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

आज गांवो में पन्नी, पॉलिथीन का प्रयोग बढ़ रहा है। गांव की नालियां भी चोक हो रही है। कहा जाए कि गांव की नालियां भी निर्मल और अविरल नही बहती, इसी प्रकार से नदियों की स्थिति है। इसलिए अगर बच्चे जागरूक होंगे तो निश्चित रूप से गांव/देश प्राकृतिक रूप से संपन्न होगा।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संजय गुप्ता ने कहा कि प्रकृति की पाठशाला से निकले बच्चों निश्चित रूप से प्रकृति प्रहरी बनेंगे। यह प्रकृति की पाठशाला देश में अनोखी साबित होगी। प्रकृति की पाठशाला गांव गांव चलाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम का संचालन मयंक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शिवम शुक्ला ने किया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से निर्भय, अंकित, आरती, पलक, चांदनी, पूनम, यश, संग्राम, जय, अर्पित, अंश समेत दर्जनों छात्र छात्राएं रहे।

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