निर्बाध बिजली आपूर्ति ने लोगों के जीवन को सहज बनाने में दिया अहम योगदान : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मुख्यमंत्री शनिवार को विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के तहत उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन.....

निर्बाध बिजली आपूर्ति ने लोगों के जीवन को सहज बनाने में दिया अहम योगदान : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने 1,920 करोड़ की लागत से 27 उपकेन्द्रों का किया लोकार्पण-शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में मुख्यमंत्री शनिवार को विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के तहत उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 1,920 करोड़ की लागत से 220-132 एवं 132-33 केवी के 27 उपकेन्द्रों का शनिवार को लोकार्पण शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने चार वर्षों में पावर कॉरपोरेशन के बेहतर कार्यों की सराहना की। खासतौर से लॉकडाउन में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए कॉरपोरेशन की पीठ थपथपायी और कहा कि लोगों के जीवन को सहज बनाने में कॉरपोरेशन ने बहुत बड़ा योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में भी अगर टेलीमेडिसिन या टेलीकंसल्टेशन सुविधा का लाभ लोग ले पाये, तो इसमें पावर कॉरपोरेशन की बड़ी भूमिका रही। 
इन जनपदों से जुड़े हैं प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 220 केवी क्षमता की 2 तथा 132 केवी क्षमता के 9 उपकेन्द्रों  का लोकार्पण किया जा रहा है। यह उपकेन्द्र प्रदेश के बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर, मीरजापुर, लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर और गोण्डा में स्थापित किये गये हैं। इनके निर्माण में कुल 571.57 करोड रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आज 220 केवी क्षमता के 10 और 120 केवी क्षमता के 6 पारेषण उपकेन्द्रों का भी शिलान्यास सम्पन्न हुआ है। यह उपकेन्द्र लखनऊ, झांसी, फर्रुखाबाद, आगरा, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, महाराजगंज, भदोही, फिरोजाबाद, बस्ती, बांदा, बागपत और कुशीनगर से सम्बन्धित हैं। इनकी कुल लागत 1347.91 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश के लगभग सभी मंडल लाभान्वित होंगे और जनता को विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित की जा सकेगी।
 
बिना भेदभाव के पूरे प्रदेश में की गई विद्युत आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि विगत चार वर्ष के दौरान यह हर व्यक्ति ने इस बात को स्वीकार किया है कि बिना भेदभाव के विद्युत की आपूर्ति पूरे प्रदेश के अंदर दी गई है। एक रोस्टर तय किया गया और उसके अनुरूप बिजली आपूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सम और विषम परिस्थितियों में जिला मुख्यालयों को 24 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की है। वहीं तहसील मुख्यालयों में 20 से 22 घंटे तक की विद्युत आपूर्ति की गई और ग्रामीण क्षेत्रों में भी 18 से 19 घंटे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। 

 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है। मुख्यमंत्री ने देश के अंदर अन्य राज्यों के अपने भ्रमण का हवाला देते हुए कहा कि वहां किसानों को पांच से छह घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिलती है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में अभी भी किसानों को बहुत अच्छी बिजली आपूर्ति होती है और ग्रामीण क्षेत्र में किसान इस बात को स्वीकार भी करता है। 
 
अच्छी विद्युत आपूर्ति ने किसानों की लागत को किया कम 
उन्होंने कहा कि पहले किसान जब अपने खेत में सिंचाई के लिए जाता था तो उसके पहुंचने तक बिजली गायब हो जाती थी। लेकिन, आज ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अच्छी विद्युत आपूर्ति ने किसानों की लागत को कम किया है और उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दिया है। 
1.38 करोड़ उपभोक्ताओं को दिये गये नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन 
उन्होंने कहा कि आज गांव हो या शहर रात में बिजली सभी जगह चमकती हुई दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी प्रदेश के अंदर एक बड़ी आबादी ऐसी थी जहां विद्युतीकरण नहीं हो पाया था। प्रदेश सरकार ने 1.21 लाख से अधिक गांव में विद्युतीकरण का कार्य सम्पन्न करने का काम किया। इसके साथ ही 1.38 करोड़ उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत के कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। टोल फ्री नंबर जारी करके ट्रांसफार्मर के बारे में जो शिकायतें आती थी, उनके निस्तारण करने की पहल की गई। इसी तरह उपभोक्ताओं से सम्बन्धित अन्य शिकायतें दूर करने का भी  बेहतरीन कार्य प्रदेश के अंदर किया गया। आज इसके परिणाम सबके सामने दिखाई दे रहे हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता इसको मुक्त कंठ से स्वीकार भी करती है। लेकिन, जनता की अपनी अपेक्षाएं हैं। हमें समय के अनुरूप चलना होगा। मुख्यमंत्री ने पावर कॉरपोरेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना कालखंड में लॉकडाउन के दौरान जब जिंदगी घरों में कैद हो गई थी, उस दौरान पावर कॉरपोरेशन ने निर्बाध विद्युत आपूर्ति करके लोगों के जीवन को सहज बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक व्यक्ति घर में कैद हो गया था, उस समय अगर मई-जून के महीने में बिजली नहीं होती तो क्या स्थिति होती, इसकी कल्पना की जा सकती है।
 
चार वर्ष पहले चंद घंटे मिला करती थी बिजली  
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों को प्रदेश के अंदर सुदूर क्षेत्रों में कोविड हॉस्पिटल बनाने का काम किया। उन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के कारण ही टेलीमेडिसिन और टेलीकंसल्टेशन में मदद मिली। कोरोना कालखंड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में अगर हम सफल हुए, तो इसके पीछे पावर कॉरपोरेशन महत्वपूर्ण कारक था। अगर बिजली नहीं होती तो हम टेलीमेडिसिन या टेलीकंसल्टेशन सुविधा उन क्षेत्रों में नहीं पहुंचा सकते थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार वर्ष पहले यही बिजली चंद घंटे मिला करती थी और कुछ गांव में तो अगर एक बार बिजली गायब हुई तो उसे वापस आने में कई दिन लगते थे। लेकिन, आज ऐसा नहीं है। यह जो परिवर्तन हुआ है इस परिवर्तन को हमें स्वीकार करना होगा और इसके बारे में बोलना भी होगा, प्रोत्साहन भी करना होगा और जनता को सम्बन्ध में जागरूक करना होगा।

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