बांदा में वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने वाले लौट रहे हैं बैरंग
कोरोना महामारी के बीच एक ओर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक मई से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया तो वहीं दूसरी..
कोरोना महामारी के बीच एक ओर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए एक मई से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया तो वहीं दूसरी ओर वैक्सीन का की पहली डोज ले चुके लोगों को दूसरी डोज लेने के लिए केंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं या तो वैक्सीन का अभाव है या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।
बताते चलें कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज का गैप शुरुआत में 28 दिन रखा गया था।अप्रैल माह के शुरुआत में जो लोग एक डोज ले चुके हैं उन्हें अब दूसरी रोज लगना चाहिए लेकिन शासन की ओर से वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने का अंतर 84 दिन कर दिया गया है पर इस बात की जानकारी पहला डोज लगवाने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं दी गई।
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यही वजह है कि वैक्सीन लगवाने के लिए केंद्रों में प्रतिदिन लोग आते हैं और उन्हें बिना वैक्सीन के निराश होकर वापस लौटना पड़ता है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग बांदा द्वारा इस बारे में पूर्व सूचना ना तो किसी समाचार पत्र में दी गई और ना ही इस बारे में प्रचार-प्रसार कराया गया।
आज भी जिला अस्पताल में बने सेंटर में सैकड़ों की तादाद में लोग पहुंचे जिन्हें बताया गया कि अब 84 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। जब इस बारे में स्वास्थ्य कर्मियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें जो आदेश मिले हैं हम उसी के अनुसार काम कर रहे हैं।
जब इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब आप पंजीकरण कराते हैं तो उसमें ऑप्शन आता है कि दूसरी डोज 84 दिन बाद लगेगी।
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जब उनसे बताया गया कि यह व्यवस्था अब 18 साल से अधिक आयु के वैक्सीन लगवाने के लिए पंजीकरण के दौरान आती है पूर्व में जो लोग वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके हैं उन्हे दूसरी लगवाने का अंतर 28 दिन या 42 दिन बताया गया था।
अब अगर 84 का अंतर हो गया है तो फिर इस बारे में प्रचार प्रसार क्यों नहीं किया गया।इस पर उन्होंने दावा किया कि हमने सूचना प्रकाशित कराई है जबकि उनका वक्तव्य पूरी तरह से झूठा है ।उन्होंने किसी तरह की सूचना नहीं दी, अगर सूचना दी होती तो दूसरी डोज लगवाने के लिए केंद्रों में लोग क्यों पहुंच रहे हैं।
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