बांदा महायोजना-2031 (पुनरीक्षित) को मिली राज्य सरकार की स्वीकृति, विकास को मिलेगी नई दिशा
उत्तर प्रदेश शासन ने बांदा के विकास को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है...

बांदा। उत्तर प्रदेश शासन ने बांदा के विकास को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शासन ने बांदा महायोजना-2031 (पुनरीक्षित) को औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना को GIS (जिओग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) आधारित बनाकर आधुनिक तकनीक के साथ तैयार किया गया है, जिससे शहर का समग्र और सुव्यवस्थित विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव पी० गुरूप्रसाद द्वारा उपाध्यक्ष, बांदा विकास प्राधिकरण को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत इस महायोजना को तैयार किया गया है। महायोजना का प्रारूप, रिपोर्ट और मानचित्र नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के माध्यम से स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया गया था, जिसे सम्यक विचारोपरान्त स्वीकृति दे दी गई है।
उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम-1973 की धारा 8(4) एवं 10(2) के तहत इस योजना को अनुमोदित किया गया है। यह महायोजना शहर के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक शहरी ढांचे, परिवहन, आवास, सार्वजनिक सुविधाओं और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि इस योजना की जानकारी जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए इसे कम से कम दो प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में शीघ्र प्रकाशित कराया जाए। साथ ही, बांदा महायोजना-2031 के मानचित्रों को प्राधिकरण के डिसप्ले बोर्ड और वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे नागरिक इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें।
इस महायोजना के माध्यम से बांदा के नागरिकों को बेहतर शहरी सुविधाएं, योजनाबद्ध विकास और भविष्य के लिए एक स्थिर आधार मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल बांदा के भौतिक स्वरूप में बदलाव आएगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी शहर को नया आयाम मिलेगा।
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