अवैध बालू खनन में 70 ट्रक तीन पोकलैंड व एक जेसीबी मशीन सीज

जनपद के बालू खदानों में लाख कोशिशों के बाद भी अवैध खनन नहीं थम रहा है।बालू पट्टा धारकों द्वारा खनिज विभाग की आंखों..

Jun 1, 2021 - 03:57
Jun 1, 2021 - 04:55
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अवैध बालू खनन में 70 ट्रक तीन पोकलैंड व एक जेसीबी मशीन सीज
अवैध बालू खनन बाँदा

जनपद के बालू खदानों में लाख कोशिशों के बाद भी अवैध खनन नहीं थम रहा है।बालू पट्टा धारकों द्वारा खनिज विभाग की आंखों में धूल झोंक कर खुलेआम मशीनों के जरिए अवैध खनन किया जा रहा है।इसका ताजा उदाहरण उजरेहटा बालू खदान है जहां मारे गए छापे के दौरान तीन पोकलैंड  एक जेसीबी मशीन व 70 ट्रक मौके पर अवैध खनन में लिप्त पाए गए।सभी मशीनों वाहनों को सीज कर दिया गया है।

इस संबंध में जिला खनन अधिकारी सुभाष सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी बांदा, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर, खान निरीक्षक बांदा व अधिकारी सर्वेक्षक द्वारा मटौंध थाना क्षेत्र के ग्राम उजरेहटा में स्थित बालू खदान में छापा मारा गया। छापे के दौरान मौके पर तीन पोकलैंड मशीने और एक जेसीबी मशीन बालू का अवैध खनन करते हुए पाई गई। साथ ही 70 ट्रक मौके पर पाए गए। जिनमें अवैध खनन कर बालू लोड की गई थी।सभी मशीनों व वाहनों को सीज करने के बाद मटौंध थाने के सुपुर्दगी में  दे दिया गया।

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बताते चलें कि इन बालू खदानों में अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन द्वारा अनेक हथकंडे अपनाए गए। इसके बाद भी बालू खनन पट्टे धारकों द्बारा अवैध खनन किया जाता है।नियमानुसार नदी के अंदर ज्यादा गहराई तक मशीनों के जरिए बालू खनन पर रोक है।इसके बाद भी ज्यादातर बालू खदानों में पोकलैंड मशीन व जेसीबी मशीनों के जरिए बालू का अवैध खनन किया जाता है।पानी के अंदर मशीनों के जरिए बालू निकालने से जलीय जंतु बेमौत मारे जाते हैं। इस बारे में प्रशासन द्वारा पट्टा धारकों को कई बार हिदायत भी दी गई लेकिन अवैध खनन थमने का नाम नही ले रहा है।

 प्रशासन द्वारा आए दिन छापामार कार्रवाई की जाती है इसके बाद ही इस पर अंकुश नही लग पा रहा है क्योंकि एक खदान पर जब प्रशासन कार्रवाई में जुट जाता है तो वहीं दूसरी ओर अन्य खदानों में अवैध खनन तेज हो जाता है।  जिन खदानों में अवैध खनन पाये जाने के बाद खनिज विभाग वैधानिक कार्रवाई करता है तो दो-चार दिन बाद पुनः इन्हीं खदानों में अवैध खनन का काम शुरू हो जाता है। अवैध खनन का काम ज्यादातर रात के समय पर होता है ताकि प्रशासनिक अधिकारियों की नजर उन पर ना पड़े।

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