बाढ़ व बारिश के दौरान चित्रकूट मंडल के 122 लोगों ने गंवाई जान

इस वर्ष किसानों पर बारिश आफत बनकर बरसी। पूरे सीजन में बाढ़, बारिश, नदी तालाब में डूबने आकाशीय बिजली गिरने..

बाढ़ व बारिश के दौरान चित्रकूट मंडल के 122 लोगों ने गंवाई जान
फाइल फोटो

  • दो मंत्रियों की समीक्षा के दौरान हुआ खुलासा 

इस वर्ष किसानों पर बारिश आफत बनकर बरसी। पूरे सीजन में बाढ़, बारिश, नदी तालाब में डूबने आकाशीय बिजली गिरने, अतिवृष्टि सर्पदंश और नाव दुर्घटना में मंडल के चारों जनपदों में 122 लोगों ने जान गंवा दी। यह खुलासा उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों द्वारा अतिवृष्टि एवं बाढ़ से होने वाली फसलों के नुकसान के बारे में समीक्षा के दौरान हुआ। अभी इसमें अतिवृष्टि से हुए नुकसान के बारे में सर्वे नहीं हो पाया है।

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प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री व जनपद बांदा के प्रभारी राकेश सचान तथा राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान द्वारा बुधवार की शाम सर्किट हाउस में  बाढ़ एवं असामायिक अतिवृष्टि से हुई संपत्तियों, फसलों, जनहानि एवं पशु हानि आदि की क्षति के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें पाया गया कि बारिश में 862 हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हुई है। 

साथ ही अतिवृष्टि में तिल की फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है। इसी अवधि चित्रकूट मंडल के चारों जनपदों में आकाशीय बिजली गिरने से 29, सर्पदंश से 37, नाव दुर्घटना में 14, नदी तालाब पोखर में डूबने से 37 लोगों की मौत हुई है। अतिवृष्टि में 5 लोगों में जान गंवा दी है।

शासन द्वारा अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को दो करोड़, आकाशीय बिजली से प्रभावित परिवारों को एक करोड़ 12 लाख, सर्पदंश से प्रभावित परिवारों को एक करोड़ 44 लाख तथा नाव दुर्घटना से प्रभावित लोगों को छप्पन लाख, साथ ही नदी तालाब व पोखरों से प्रभावित परिवारों को एक करोड़ु 48 लाख की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। 

बाढ़ व बारिश से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 6 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा इस दौरान चार पशु हानि भी हुई है। जिन्हें 37,500 की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। 

समीक्षा में पाया गया कि जनपद महोबा में मूंगफली की फसल को अत्यधिक नुकसान अतिवृष्टि से हुआ है। इसके लिए सर्वे कराकर किसानों को लाभान्वित करने को कहा गया। साथ ही मंत्री द्वय ने समीक्षा के दौरान अतिवृष्टि से हुए नुकसान के लिए पुनः सर्वे कराकर अधिक से अधिक किसानों को उनकी फसलों का मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दिलाए जाने को कहां है। 

इतना ही नहीं बारिश के दौरान मंडल की बड़ी संख्या में सड़कें भी खराब हुई है। जिन्हे 15 नवंबर तक ठीक कराने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है।

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