बाँदा मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. मुकेश ने बताया कि कैसे दी कोरोना को मात

कोरोना जबसे बाँदा और मण्डल के बाकी तीन जिलों में फैला तो डाॅ. मुकेश यादव और उनकी टीम के डाॅक्टर/नर्स ही थे, जिन्होंने बिना डरे कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज किया...

बाँदा मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. मुकेश ने बताया कि कैसे दी कोरोना को मात
Dr. Mukesh Yadav, Medical College, Banda

बाँदा वासियों ने भी उनके इस हौसले को सलाम किया था, पर जैसे ही खबर आई कि डाॅ. मुकेश यादव स्वयं कोरोना की चपेट में आ गये, वैसे ही यहां पर तमाम लोगों ने उनके जल्द ठीक होने की दुआयें मांगी थीं। और आज उन सबकी दुआओं का असर है कि यहां के मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. मुकेश यादव न सिर्फ पूरी तरह ठीक हो चुके हैं बल्कि बाँदा के लिए निकल चुके हैं। डाॅ. यादव शाम तक बाँदा पहुंचेंगे लेकिन आज सुबह से ही फोन पर अपने अधीनस्थों को दिशा-निर्देश देते हुए वो अपनी ड्यूटी निभाने के लिए कमर कस चुके हैं।

फिलहाल इस समय कोरोना हर जगह अपना कहर बरपाने में लगा है। और ऐसे में डाॅ. मुकेश यादव जैसे लोग ही जो स्वयं की जबर्दस्त इच्छाशक्ति की बदौलत दूसरों तक को ठीक करने का माद्दा रखते हैं, अगर वो ही कोरोना की गिरफ्त में आ जायें, तो फिर चिन्ता स्वाभाविक हो जाती है। पर डाॅ. मुकेश ने यहां भी अपनी इच्छाशक्ति और डाॅक्टर्स के बेहतर इलाज के चलते कोरोना से मुक्ति पा ली है और अब वह अपनी दूसरी पारी में फिर से तैयार हैं।

आज सुबह ही डाॅ. मुकेश यादव से फोन पर बातचीत हुई। पता चला कि वो लखनऊ से ही अपना काम शुरू कर चुके हैं। और लगातार वो अपने डाॅक्टर्स के सम्पर्क में हैं। किस मरीज को कैसे बेहतर इलाज दिया जाये, इसकी वो बराबर चिन्ता कर रहे हैं। चूंकि वो स्वयं उस मर्ज से पीड़ित हुए और अब ठीक हुए। यानि उन्होंने और भी करीब से जाना कि कोरोना क्या है? और फिर उससे निजात भी पाई। इसीलिए डाॅ. मुकेश यादव ने बुन्देलखण्ड न्यूज से बताया कि अब वो ज्यादा काॅन्फिडेंट हैं, उन्होंने स्वयं महसूस किया है।

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डाॅ. मुकेश यादव कहते हैं, “कोरोना से अभी तक जितने मरीजों का इलाज हमारी टीम ने किया, उनमें से केवल एक ही मरीज ऐसा था, जो सीरियस कंडीशन में था, और वो हमारे लिये चैलेंज था, हालांकि हमने एक सीमा तक उसका इलाज किया और बेहतर चिकित्सा के लिए उसे कानपुर के लिए रिफर किया। और हमें खुशी है कि आज वह बिल्कुल ठीक है।”

अपने बारे में पूंछे जाने पर डाॅ. मुकेश यादव ने कहा, “जब 26 जुलाई को ट्रूनेट मशीन से मेरी जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो मैंने अपने आप को पहले तो सेल्फ आईसोलेट किया और जब लैब की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई तो मेरे डाॅक्टर्स की टीम ने मेरा इलाज शुरू किया। इस दौरान मुझे भी कोरोना की थर्ड स्टेज का सामना करना पड़ा। चूंकि मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, मेरे ब्लड में शुगर का लेवल भी बढ़ गया था। इसीलिए सभी की सलाह पर मुझे लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया। जहां बेहतर मशीनें और अनुभवी डाॅक्टर्स के सानिध्य में मेरा इलाज शुरू हुआ। धीरे धीरे मेरे स्वास्थ्य में सुधार हुआ। और जब कल आई एक रिपोर्ट ने मुझे कोरोना निगेटिव डिक्लेयर किया तब जाकर मुझे डिस्चार्ज किया गया। अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ। हालांकि मेरा वजन कुछ कम हुआ है, पर जल्द ही उसे भी रिकवर कर लूंगा। मेरी पत्नी को भी कोरोना पाॅजिटिव पाया गया था, पर उन्हें उतनी परेशानी नहीं हुई, उनका भी स्वास्थ्य अब ठीक है।”

डाॅ. मुकेश इस बात को बताना नहीं भूलते कि कैसे उनके शुभचिंतक उनके ठीक होने की कामना करते थे। आज उन सबकी दुआयें काम आईं जिससे वो स्वस्थ हो सके।

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बुन्देलखण्ड न्यूज भी आप सभी से निवेदन करता है कि कोरोना बहुत ही खतरनाक है, जितना हो सके इससे बचना चाहिये। इलाज से बेहतर है कि इस मर्ज से बचा जाये, अन्यथा एक बार कोरोना होने से जो तकलीफ और परेशानी होती है। उसे यूं बयां नहीं किया जा सकता। डाॅ. मुकेश जैसे लोग भी इतना संयमित रहते हुए जब कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं, तो हमें भी गम्भीरता से यह सोचना होगा। इसीलिए बिना कार्य के कभी भी घर से न निकलें, हो सके तो एक बार में ही अपना सारा कार्य समाप्त करने की कोशिश करें। जितना ज्यादा आप घर पर रहेंगे, उतना ही इससे बचेंगे और अपने परिवार को भी बचा पायेंगे।

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