कालिंजर किला बना चर्चा का केंद्र पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की विशेष चर्चा
बुंदेलखंड के किलो को मिलेगा नया आयाम, पर्यटन को लगेंगे पंख

बांदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के नवीनतम एपिसोड में ऐतिहासिक स्थलों और धरोहरों पर प्रकाश डालते हुए बुंदेलखंड के कालिंजर किले का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के किले न सिर्फ स्थापत्य कला की मिसाल हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और संघर्षशील इतिहास के भी साक्षी हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) का दर्जा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे अपने आसपास मौजूद ऐतिहासिक स्थलों को जानें, समझें और वहां भ्रमण करें। उन्होंने खास तौर पर उत्तर प्रदेश के बांदा जिले स्थित कालिंजर किले का उल्लेख करते हुए इसे भारतीय संस्कृति और गौरव का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड क्षेत्र के किले हमारी समृद्ध विरासत का हिस्सा हैं। यहां आकर आप ना सिर्फ इतिहास को महसूस कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इससे जोड़ सकते हैं।”
कालिंजर महोत्सव से मिली पहचान
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. हीरा लाल की पहल पर कालिंजर महोत्सव की शुरुआत कालिंजर किले परिसर में ही की गई थी। इससे पहले यह आयोजन बांदा शहर में होता था। लेकिन पहली बार किले में ही भव्य आयोजन कर इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान देने का सफल प्रयास हुआ।
उस समय प्रशासनिक टीम ने स्थानीय पर्यटन स्थलों का गहन अध्ययन किया और क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को उभारने का प्रयास शुरू किया। तभी से कालिंजर के साथ-साथ बुंदेलखंड के अन्य किलों जैसे अजयगढ़, गढ़कुंडार, देोगढ़, ओरछा, झांसी आदि को भी पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से लाने की कोशिशें जारी हैं।
देखिये कालिंजर महोत्सव की एक झलक
अब बनेंगे रोपवे, होटल और पार्क
शनिवार को बांदा पहुंचे उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के निदेशक विशाल प्रिया ने कालिंजर में पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से रोपवे, पार्क, स्विमिंग पूल और होटल आदि के निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। एसडीएम को योजना बनाकर जल्द कार्य आरंभ करने को कहा गया है।
इसके साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) भी किले की मरम्मत एवं संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है। निकट भविष्य में यह किला न सिर्फ ऐतिहासिक शोधार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचेगा।
बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति के सदस्यों श्याम जी निगम, शिवम निगम, निखिल सक्सेना, सचिन चतुर्वेदी, अभिषेक सिंह एवं नवीन निगम ने प्रधानमंत्री की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे निश्चित ही यहां के पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी। समिति के सदस्यों ने मांग की है कि कालिंजर और अन्य किलों को केंद्र सरकार की ‘स्वदेश दर्शन योजना’ या ‘प्रसाद योजना’ में शामिल किया जाए, ताकि व्यापक स्तर पर सुविधाएं विकसित की जा सकें।
आपको बताते चले कि कालिंजर किला चंदेल वंशकालीन स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है। यह किला 7वीं शताब्दी में बना था और यहां कई ऐतिहासिक युद्ध लड़े गए। किले के भीतर स्थित नीलकंठ मंदिर धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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