नई तकनीक से बुंदेलखंड के किसान अंगूर जैसी बेल पर उगा रहे हैं टमाटर

बुंदेलखंड के जनपद बांदा में कृषि विश्वविद्यालय किसानों को नई तकनीक से समृद्ध बना रहा है। विश्वविद्यालय के...

Feb 10, 2023 - 02:28
Feb 10, 2023 - 05:44
 0  10
नई तकनीक से बुंदेलखंड के किसान अंगूर जैसी बेल पर उगा रहे हैं टमाटर

बांदा, बुंदेलखंड के जनपद बांदा में कृषि विश्वविद्यालय किसानों को नई तकनीक से समृद्ध बना रहा है। विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने नेचुरल वेंटीलेटर पाली हाउस तकनीक से टमाटर की नई प्रजाति विकसित की है। जिसके पौधे अंगूर की बेल की तरह होते हैं और इसमें 5 से 10 किलो तक टमाटर फलते हैं। इस नई तकनीक को अपनाकर किसानों ने टमाटर उगाना शुरू कर दिया है। 
यह भी पढ़ें -  बांदाः डी -10 गैंग शहर में रंगदारी वसूल रहा था,गैंगलीडर सहित इन दो बदमाशों को पुलिस ने दबोचा

इस समय जो किसान टमाटर की खेती करते हैं। उन पौधों में ज्यादा से ज्यादा 2 किलो टमाटर फलते हैं। जबकि नेचुरल वेंटीलेटर पालीहाउस तकनीक के तहत खेती करने से एक पौधे से 5 से 10 किलो टमाटर पैदा किया जा रहा है। एक पौधे से इतनी बड़ी तादाद में टमाटर की पैदावारी प्रदेश में भी कहीं नहीं होती है। लेकिन यह कमाल कृषि विश्वविद्यालय ने कर दिखाया है।

यह भी पढ़ें - भजन संध्या में आयेंगी प्रख्यात भजन गायिका शहनाज अख्तर

कृषि विज्ञान विभाग ने कृषि विश्वविद्यालय में ही आधा दर्जन पाली हाउस बनाए हैं। एक पाली हाउस 200 स्क्वायर मीटर में बना है।  इनमें टमाटर के पौधों को अंगूर की बेल की तरह चढाया गया है। पौधे की लंबाई 12 से 15 फीट है। इनमें फलने वाले टमाटर अंगूर की तरह गुच्छे के गुच्छे लगे हुए हैं। एक पौध में लगभग 5 से 10 किलो तक टमाटर निकल रहे हैं। बेल ऊपर चढ़ने से नीचे की जमीन खाली रहती है, इसमें अन्य सब्जियां भी उगाई जा रही हैं। 
यह भी पढ़ें -  बांदाः यहां तैयार हुआ मां पीतांबरा देवी का भव्य मंदिर, अब प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी
इस बारे में सब्जी विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि पाली हाउस में एनएस 4266 प्रजाति के टमाटर उपजाए जा रहे हैं। ज्यादातर किसान किनारे की जमीन छोड़ देते हैं। छोड़ी हुई जमीन पर एक बिड बनाकर अर्धचंद्राकार आकार में टमाटर के पौधों को अंगूर की बेल की तरह चढ़ा सकते हैं। इसके नीचे की खाली जमीन पर अन्य सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इस तकनीक से खेती करने पर उत्पादन करने के साथ आमदनी भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में टमाटर उत्पादन की इस तकनीक से बुंदेलखंड के 5 जनपदों बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन और ललितपुर के किसान अपना रहे हैं। उन्होंने इस तकनीक पर खेती करना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें -  पंडित जेएन महाविद्यालय के मेधावी छात्र ने एक साथ तीन स्वर्ण पदक हासिल कर गौरवान्वित किया


उन्होंने यह भी बताया कि पाली हाउस बनवाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को 50 से 60 फ़ीसदी तक अनुदान मिलता है। किसान अनुदान का लाभ लेकर अपने घर या जमीन में पाली हाउस बनाकर नई तकनीक से सब्जियों की खेती कर सकते हैं।

What's Your Reaction?

Like Like 1
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0