गांवों के विकास के लिए क्यों जरूरी है, गांव घोषणा पत्र ?

कहते हैं भारत की आत्मा गांव में बसती है, महात्मा गांधी ने भी ग्राम स्वराज का सपना देखा था। वही तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांव के विकास के लिए..

गांवों के विकास के लिए क्यों जरूरी है, गांव घोषणा पत्र ?

कहते हैं भारत की आत्मा गांव में बसती है, महात्मा गांधी ने भी ग्राम स्वराज का सपना देखा था। वही तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गांव के विकास के लिए त्रिस्तरीय पंचायत की व्यवस्था के अनुसार 73 वा संविधान संशोधन के अनुरूप त्रिस्तरीय पंचायत पंचायतों के सामान्य निर्वाचन संपन्न कराने की व्यवस्था की थी, फिर भी गांव का विकास अधूरा है।

भारत को विकसित और खुशहाल बनाने के लिए गांव का विकास ही एकमात्र रास्ता है।गांव का विकास तभी संभव है जब गांव के लोग अत्याधुनिक खेती के बारे में ज्ञान प्राप्त करें।

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हर पांच साल में विधानसभा, लोकसभा के साथ ही ग्राम पंचायतों में चुनाव होता है।गांव के विकास के लिए गांव के लोग ग्राम प्रधान का चयन करते हैं। कुछ ही दिनों बाद एक बार फिर पंचायत चुनाव होंगे। जिसमें ग्राम प्रधान को चुना जाएगा।क्या आप चाहते हैं कि ऐसा ग्राम प्रधान चुना जाए जो गांव को विकास की ओर ले जाएं।ग्रामीणों को रोजगार दिलाएं जिससे रोजगार के अभाव में लोग गांव छोड़कर दूसरे शहरों में न जाए।ऐसा तभी संभव है जब लोगों को गांव में ही काम मिले और यह तभी संभव है जब गांव में रोजगार परक कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।

इस बारे में नेशनल हेल्थ मिशन उ0 प्र0 के अपर निदेशक हीरालाल ने गांव में विकास का मुद्दा बनाकर गांव को सशक्तिकरण के मार्ग पर ले जाने की मुहिम शुरू की थी ताकि गांव के लोग विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करें और विकसित होने का प्रयास करें। ताकि ऐसे गांव मॉडल बन सके इसकी शुरुआत पूर्व जिलाधिकारी हीरालाल जनपद बांदा से शुरू की थी।जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।इसलिए जरूरी है कि गांव को विकसित करने के लिए गांव घोषणा पत्र की मुहिम पूरे प्रदेश में शुरु होना चाहिए।

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क्यों हो विकास के मुद्दे

गांव को विकसित करने के लिए जरूरी है कि गांव में सफाई, पढ़ाई ,दवाई, बिजली ,पानी, रोजगार, संवाद तंत्र, विपणन वृक्षारोपण, खेल, कला, संस्कृति का विकास, महिला विकास, प्रतिभा चयन एवं विकास, ग्राम समस्या और समाधान और सरकारी कार्यक्रमों को गांवों में प्राथमिकता से लागू करने के लिए काम किए जाएं। इसके साथ ही गांव के विकास के लिए ग्रामीणों के खेती किसानी के ज्ञान को बढ़ाना होगा तथा उन्हें अत्याधुनिक तकनीकी का ज्ञान से परिचित कराना होगा।

जिन किसानों का खेती से मोहभंग हो रहा है उनकी निराशा को दूर कर आशा के भाव में बदलना होगा। खेती-बाड़ी के लिए विशेष केंद्र बनाने होंगे कृषि को कृषि व्यवसाय में बदल कर ग्रामीणों को जागरूक कर इसके प्रति उन्हें प्रेरित करना होगा ताकि किसानों की आय, उपज, ज्ञान, मनोभाव में बदलाव आए और यही बदलाव एक मॉडल बनेगा। गांव का नाम मॉडल गांव के रूप में रोशन होगा।

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इस बारे में फतेहपुर के जाफरगंज गांव की बेटी मीरा देवी बताती हैं कि अगर आने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में गांव घोषणा पत्र को प्रत्येक प्रत्याशी लागू करें और चुनाव जीतने के बाद उस पर अमल करें तो निश्चित है गांव गांव का विकास होगा।सभी के पास रोजगार होगा, पलायन में अंकुश लगेगा। मॉडल गांव के लोगों का देश में मान सम्मान बढ़ेगा और यही गांव आत्मनिर्भर बनेंगे। 

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